उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में शुक्रवार को आयोजित ‘खेती की बात खेत पर’ कार्यक्रम के दौरान एक दिलचस्प पल देखने को मिला। हरख ब्लॉक के दौलतपुर गांव में हुए इस कार्यक्रम की मेजबानी कर रहे प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत के दौरान कहा देखिए, \’मैं सवा लाख का चश्मा पहनता हूं।\’ उनकी यह बात सुनकर सीएम योगी आदित्यनाथ समेत मंच पर मौजूद अधिकारी और किसान जोर से हंस पड़े। ये क्षण सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया।
कौन हैं रामसरन वर्मा
हरख ब्लॉक स्थित दौलतपुर गांव में पद्मश्री रामसरन वर्मा बाराबंकी जिले के प्रगतिशील किसान हैं, जिनकी आधुनिक तकनीक से खेती कर पूरे प्रदेश में किसानों का रोल मॉडल माना जाता है। वे कृषि पर्यटन, आधुनिक खेती और हाईटेक कृषि पद्धति से किसानों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम की 8वीं किसान पाठशाला का आयोजन भी उनके फार्म हाउस पर किया गया।
देखिए सवा लाख चश्मा पहना हूं
कार्यक्रम के शुभारम्भ पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दोपहर करीब 12 बजे किसान रामसरन वर्मा के फार्म हाउस पर पहुंच कर कृषि विभाग द्वारा लगाई प्रदर्शनी और खेतों का निरीक्षण किया। इसके बाद कार्यक्रम के मंच पर पहुंचे। इस बीच पद्मश्री रामसरन वर्मा ने मंच से मुख्यमंत्री योगी से कहा कि ‘मैं 1988 से बैलों से खेती करते चला आ रहा हूं और आज मैं सवा लाख का चश्मा लगा आकर आया हूं, ये मुख्यमंत्री की देन है’। यह बात सुनकर मुख्यमंत्री के साथ मौजूद अन्य लोग भी हंसने लगे। ये क्षण सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गया।इसके साथ ही किसान राम सरन वर्मा ने कहा कि मैं प्रतिवर्ष 40 से 50 हजार बार हवाई यात्राएं करता हूं, ये मुख्यमंत्री की पहचान है।
पहले योजनाएं फाइलों तक थीं- सीएम योगी
हजारों की संख्या में मौजूद किसानों से मुख्यमंत्री योगी ने मंच से कहा कि आज प्रदेश में खेती का भविष्य सचिवालय के कमरों में नहीं, बल्कि खेतों की मिट्टी में लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले खेती की योजनाएं फाइलों में ही सिमटी रहती थीं। अधिकारी सचिवालय में बैठकर कृषि नीति तैयार करते थे। हालांकि हमारी सरकार खेत में उतरकर किसानों की समस्या समझती है, और खेती की बात किसान के खेत पर ही होती है।
किसान की आय दो गुनी- योगी
मुख्यमंत्री योगी ने आगे बताया कि बीज, खाद, सिंचाई और बाजार इन सभी क्षेत्रों में से बिचौलियों की भूमिका समाप्त कर दी गई है। किसान को अब उसकी फसल का सही दाम बिना देरी और बिना कटौती के मिल रहा है। किसान जिन सुविधाओं के लिए पहले महीनों चक्कर काटता था, वह अब उसके घर तक पहुंच रही हैं।
किसानों की आय दोगुनी हो चुकी है, और आने वाले समय में तीन गुना होने की ओर बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि डबल इंजन की सरकार ने सिंचाई प्रणाली का आधुनिकीकरण किया है, किसानों को बड़े पैमाने पर कृषि यंत्र उपलब्ध कराए हैं, और बेहतर तकनीक को खेत-खेत तक पहुंचाया है। उत्तर प्रदेश में आज कृषि तकनीक का वह विस्तार हो रहा है, जिसकी कल्पना दशकों तक नहीं की गई थी।
रोल मॉडल पद्मश्री रामशरण वर्मा
मुख्यमंत्री योगी ने बताया कि प्रदेश में 79 कृषि विज्ञान केंद्र संचालित हैं। इन केंद्रों से किसानों को मिट्टी परीक्षण, फसल चयन, कीट प्रबंधन और बेहतर खेती के वैज्ञानिक तरीके बताए जा रहे हैं। खेत की मिट्टी किस फसल के लिए उपयुक्त है, यह जानकारी मिलने के बाद किसान कम खर्च में ज्यादा कमाई कर पा रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सबसे प्रेरक उदाहरण पद्मश्री रामशरण वर्मा हैं।
32 वर्ष पहले 6 एकड़ से खेती शुरू करने वाले राम सरन वर्मा आज 275 एकड़ में वैज्ञानिक और सहकारिता आधारित कृषि का मॉडल तैयार कर चुके हैं। वे केला, टमाटर, आलू, तरबूज, खरबूजा, मेंथा और गेहूं सहित अनेक फसलों की उन्नत खेती कर रहे हैं। टिश्यू कल्चर केले की तकनीक ने पूरे प्रदेश में हजारों किसानों को नई दिशा दी है।
किसानों और लाभार्थियों को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री ने प्रगतिशील किसान पद्मश्री राम सरन वर्मा सहित किसान पंकज कुमार सिंह, संजय कुमार यादव, संतोष कुमार सिंह, अमित मिश्रा, गुरुदत्त सिंह, गुरु तेग सिंह, दिनेश चंद्र वर्मा, राम अकबाल वर्मा और बबलू कश्यप को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया, साथ ही देशराज, दिनेश प्रताप सिंह, धीरेंद्र वर्मा, अजय कुमार वर्मा, अखिलेश कुमार, चंद्रशेखर प्रजापति, गुरदेव सिंह आदि लाभार्थियों को डेमो चेक और चाबी देकर सम्मानित किया।