तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) की ताकत और बढ़ गई है। विमुक्त जाति वेलफेयर मोर्चा पंजाब ने आज औपचारिक रूप से आप के उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू के समर्थन का ऐलान किया। इस समर्थन को उपचुनाव में एक बड़ा राजनीतिक फेरबदल माना जा रहा है।
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश राज धालीवाल अपनी पूरी टीम के साथ तरनतारन पहुंचे और खुले मंच से संधू के पक्ष में प्रचार करने की घोषणा की। इस मौके पर कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर, विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर, और वरिष्ठ आप नेता जगरूप सिंह सेखवां भी मौजूद रहे।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने दिया समस्याएँ हल करने का भरोसा
मोर्चा का समर्थन ऐसे समय आया है जब हाल ही में विमुक्त जाति वेलफेयर मोर्चा के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से मुलाकात की थी। इस मुलाकात में मोर्चा ने अपनी लंबे समय से लंबित मांगों, जैसे:
- पहचान और अधिकार से जुड़ी समस्याएं
- सरकारी योजनाओं में उचित प्रतिनिधित्व
- शिक्षा और रोजगार के अवसर
- सामाजिक सम्मान एवं सुरक्षा
को मुख्यमंत्री के सामने रखा।
बैठक के बाद, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट आश्वासन दिया था कि इन मांगों को प्राथमिकता पर हल किया जाएगा और सरकार इस वर्ग की समस्याओं को लेकर पूरी तरह गंभीर है।
मोर्चा ने क्यों किया समर्थन?
मोर्चा के अध्यक्ष जगदीश राज धालीवाल ने कहा:
“मुख्यमंत्री मान ने हमारी बातों को ध्यान से सुना और जल्द समाधान का भरोसा दिया। इसी भरोसे के आधार पर हमने सर्वसम्मति से ‘आप’ उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू का समर्थन करने का फैसला लिया है।”
उन्होंने समुदाय से अपील की कि हर व्यक्ति अपना वोट एकजुट होकर हरमीत सिंह संधू को दे।
आप नेताओं ने जताया धन्यवाद
कैबिनेट मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि आम आदमी पार्टी हमेशा गरीबों, पिछड़े वर्गों और वंचित समुदायों की आवाज बनी है और आगे भी बनी रहेगी।
विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर ने कहा कि विमुक्त जाति के भाई बहनों की समस्याएं पार्टी की प्राथमिकता में हैं।
वहीं वरिष्ठ नेता जगरूप सिंह सेखवां ने कहा:
“ये समर्थन सिर्फ चुनावी नहीं, बल्कि विश्वास और भरोसे का संदेश है। पार्टी समुदाय की हर मांग पर साथ खड़ी है।”
चुनावी समीकरणों पर असर
तरनतारन क्षेत्र में विमुक्त जाति समुदाय की संख्या अच्छी-खासी है। इस समुदाय का बिना शर्त समर्थन मिलने से:
- आप की चुनावी स्थिति मजबूत
- वोटों में एकजुटता की संभावना बढ़ी
- अन्य दलों पर दबाव भी बढ़ा
राजनीतिक जानकार इसे आप के पक्ष में बड़ा मोड़ मान रहे हैं।