पंजाब में रिश्वतखोरी के मामले में विजीलैंस ब्यूरो की बड़ी कार्रवाई सामने आई है। बताया जा रहा है कि विजीलैंस ने आज मुनक के तहसीलदार (सेवामुक्त) संधूरा सिंह, संगरूर जिले के हलका बल्लरां के पटवारी धर्मराज और भगवान दास पटवारी (सेवामुक्त) को कृषि योग्य ज़मीन के ग़ैर-कानूनी तबादले और इंतकाल करवाने के एवज़ में 7 लाख रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ़्तार किया है।
राज्य विजीलैंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने खुलासा किया कि उक्त केस की जांच करने के बाद लुधियाना के थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में नामज़द किये गए मुलजिमों में संधूरा सिंह, तहसीलदार (सेवामुक्त), धरमराज पटवारी, मिठू सिंह पटवारी (दोनों हलका बल्लरां, ज़िला संगरूर), भगवान दास, पटवारी (सेवामुक्त) और एक निजी व्यक्ति बलवंत सिंह निवासी गाँव बल्लरां, ज़िला संगरूर शामिल हैं।
राज्य विजीलैंस ब्यूरो के सरकारी प्रवक्ता ने खुलासा किया कि एफआईआर नंबर 18 तारीख़ 27.12.2023 की गहराई से तफ्तीश करने के बाद आइपीसी की धारा 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी के अंतर्गत विजीलैंस ब्यूरो के आर्थिक अपराध शाखा लुधियाना के थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। एफआईआर में नामज़द किये गए मुलजिमों में संधूरा सिंह, तहसीलदार (सेवामुक्त), धरमराज पटवारी, मिठू सिंह पटवारी (दोनों हलका बल्लरां, ज़िला संगरूर), भगवान दास, पटवारी (सेवामुक्त) और एक निजी व्यक्ति बलवंत सिंह निवासी गाँव बल्लरां, ज़िला संगरूर शामिल हैं।
धरमराज पटवारी ने फर्जी इंतकाल को अंजाम देने के लिए बलवंत सिंह से 7 लाख रुपए की रिश्वत ली थी। इसके बाद, धरमराज पटवारी ने इस इंतकाल की मंजूरी तहसीलदार संधूरा सिंह (अब सेवामुक्त) से जमाबन्दी में ऐंट्रियों के साथ मिलाने के लिए 15. 05. 2019 की बैक डेट से प्राप्त की, जिसकी समय सीमा 15. 05. 2023 थी।