अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत से आने वाले चावल (Rice) पर टैरिफ बढ़ाने का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि बाजार में सस्ते विदेशी चावल की वजह से अमेरिकी किसानों को भारी नुकसान हो रहा है, इसलिए इन आयातों पर और सख्ती की ज़रूरत है।
ब्लूमबर्ग और अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक, ट्रंप जल्द ही भारतीय चावल और कनाडाई खाद (Fertilizer) पर टैरिफ बढ़ाने पर फैसला ले सकते हैं।
अमेरिकी किसानों ने की शिकायत — “विदेशी चावल सस्ता, हमारी कीमतें गिर रही हैं”
अमेरिकी किसानों ने व्हाइट हाउस को बताया कि—
- भारत, थाईलैंड और चीन से आने वाला चावल “बहुत सस्ता” है
- इससे उनकी स्थानीय फसल की कीमत गिर रही है
- सब्सिडी मिलने से विदेशी देशों का चावल और भी सस्ता पड़ता है
- अमेरिकी बाजार में “डंपिंग” की वजह से उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है
किसानों की इन शिकायतों पर ट्रंप ने कहा कि,
“वे धोखा कर रहे हैं… हमें इन पर ज़्यादा टैरिफ लगाने की ज़रूरत है।”
अभी 50% टैरिफ, लेकिन ट्रंप इसे ‘डबल’ करना चाहते हैं
अमेरिका ने फिलहाल भारतीय चावल पर 50% का टैरिफ लगाया हुआ है,
लेकिन अब रिपोर्टों के अनुसार—
➡ ट्रंप इसे दोगुना करने पर विचार कर रहे हैं।
➡ साथ ही कनाडा से आने वाली खाद पर भी बढ़े हुए टैरिफ की तैयारी है।
लुइज़ियाना स्थित Kennedy Rice Mill के CEO मेरिल कैनेडी ने ट्रंप से कहा था कि बाज़ार में ज़्यादातर चावल भारत, थाईलैंड, चीन से आ रहा है, इसलिए टैरिफ और बढ़ाए जाने चाहिए।
इसके बाद ट्रंप ने अपने वित्त मंत्री स्कॉट बेज़ेंट को आदेश दिया कि वे उन देशों की सूची तैयार करें जो अमेरिका को सबसे ज़्यादा चावल निर्यात कर रहे हैं।
भाजपा—अमेरिका व्यापार वार्ता 10–11 दिसंबर को
इस मामले के बीच, India–US व्यापार वार्ता भी अगले हफ्ते शुरू होने वाली है।
📅 10–11 दिसंबर 2025
📍 नई दिल्ली
- अमेरिका की डेलिगेशन की अगुवाई Rick Switzer करेंगे
- भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल होंगे
इन बैठकों में चावल, खाद, आयात–निर्यात और टैरिफ जैसे मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है।
भारतीय बाज़ार में असर — चावल कंपनियों के शेयर गिरे
ट्रंप के इस संकेत का असर भारतीय स्टॉक मार्केट में तुरंत नजर आया।
- KRBL,
- LT Foods,
- और अन्य rice-export कंपनियों के शेयर 6%–10% तक गिर गए।
क्योंकि अगर अमेरिका सच में टैरिफ बढ़ाता है, तो भारतीय निर्यातकों को सीधा आर्थिक झटका लगेगा।
भविष्य पर असर — क्या होगा आगे?
अगर नया टैरिफ लागू होता है, तो—
- अमेरिकी बाजार में भारतीय चावल महंगा हो जाएगा
- भारतीय एक्सपोर्टर्स को नुकसान
- अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ सकता है
- लेकिन आने वाली 10–11 दिसंबर की बैठकें इस विवाद को कम भी कर सकती हैं
अभी दोनों देशों में माहौल “सावधानी” वाला है, क्योंकि फैसला किसी भी दिशा में जा सकता है।
अमेरिकी किसानों की शिकायतों के बाद ट्रंप प्रशासन विदेशी आयात—खासकर भारत से चावल और कनाडा से खाद—पर एक और बड़ा टैरिफ लगाने की तैयारी में है। इससे भारत–अमेरिका व्यापार संबंधों में नई तकरार पैदा हो सकती है।
सभी की निगाहें अब 10–11 दिसंबर की द्विपक्षीय व्यापार मीटिंग पर टिकी हैं, जो इस पूरे मामले का भविष्य तय कर सकती है।