भुलत्थ से कांग्रेस विधायक सुखपाल सिंह खैरा को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है और पंजाब सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने सुखपाल खैरा की जमानत रद्द करने से इनकार कर दिया है. पंजाब सरकार ने पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. खैरा को एनडीपीएस 2015 मामले में पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट ने 4 जनवरी को जमानत दे दी थी। जिसके बाद पंजाब सरकार ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, लेकिन अब मान सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है और खैरा की राहत बरकरार रहेगी.
सुखपाल सिंह खैरा के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने दलील दी की क्या एनडीपीएस मामले में आरोप पत्र दायर किया गया है. ऐसे में खैरा को जेल से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए. पंजाब सरकार की इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर एनडीपीएस मामले में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है तो पहले इस मामले में सुखपाल सिंह खैरा को आरोपी क्यों नहीं बनाया गया.
सरकार की दूसरी दलील के बाद पंजाब सरकार की ओर से पेश वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस मामले में सुखपाल खैरा के खिलाफ भी ईडी ने कार्रवाई की है. इसी मामले में ईडी ने खैरा को भी गिरफ्तार किया था. इस दलील के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आप छोड़िए कि ईडी क्या कर रही है, ईडी केस के आधार पर हम सुखपाल खैरा की जमानत रद्द नहीं कर सकते या पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकते.
पंजाब सरकार के वकीलों ने तीसरी दलील देते हुए कहा कि सुखपाल सिंह खैरा मौजूदा विधायक हैं और ताकतवर व्यक्ति हैं. ऐसे में सुखपाल खैरा गवाहों का वर्गीकरण कर सकते हैं. जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गवाहों की सुरक्षा राज्य सरकार के हाथ में है. अगर ऐसा लगता है तो पंजाब सरकार को गवाहों को सुरक्षा मुहैया करानी चाहिए. इन दलीलों के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी दलील में ऐसा कोई तर्क नहीं है जिससे हम सुखपाल खैरा की जमानत रद्द करें.