पटियाला : लंबे समय से वित्तीय संकट से जूझ रही पंजाबी यूनिवर्सिटी को पंजाब सरकार ने बड़ा झटका दिया है। राज्य सरकार ने पंजाबी यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ की मासिक ग्रांट देने की बजाय इसे घटाकर 20 करोड़ कर दिया है, जिसे लेकर यूनिवर्सिटी प्रबंधन में हंगामा मच गया है। पंजाबी यूनिवर्सिटी काफी समय से आर्थिक तंगी से जूझ रही है। कई महीनों से लंबित वेतन के कारण पंजाब सरकार ने घोषणा की थी कि विश्वविद्यालय को कर्ज में नहीं रहने दिया जाएगा और उनका वेतन समय पर दिया जाएगा और विश्वविद्यालय को प्रति माह 30 करोड़ रुपए की ग्रांट मिलेगी, लेकिन अब यूनिवर्सिटी की ग्रांट घटाकर 20 करोड़ रुपए कर दी गई है। इस संबंध में सरकार ने बकायदा यूनिवर्सिटी को पत्र भी भेजा है। इस संकट से यूनिवर्सिटी आने वाले दिनों में युद्ध का मैदान बन सकती है।
सी.एम. ने मार्च 2023 में किया था 90 करोड़ रुपए जारी करने का ऐलान
पंजाबी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हाल ही में पंजाबी यूनिवर्सिटी में आयोजित एक समारोह के दौरान यूनिवर्सिटी को 3 महीने के लिए 90 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी करने की घोषणा की थी, इस घोषणा के मुताबिक यूनिवर्सिटी को 6 महीने के लिए कुल 180 करोड़ रुपए की ग्रांट जारी की गई, लेकिन दिवाली सरकार ने पहले ही ग्रांट घटाकर 20 करोड़ कर दी। गौरतलब है कि सीएम की घोषणा से पहले यूनिवर्सिटी को प्रति माह साढ़े 18 करोड़ की ग्रांट जारी की जा रही थी, जबकि मुख्यमंत्री ने यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से कर्जमुक्त करने का वादा किया था।
पत्र से स्टाफ में निराशा : डॉ. राजदीप और अमनदीप सिंह
पंजाब सरकार से अपने वादे के मुताबिक यूनिवर्सिटी को 90 करोड़ की ग्रांट जारी करने की मांग करते हुए पंजाबी यूनिवर्सिटी बचाओ मोर्चा के सदस्य डॉ. राजदीप सिंह और अमनदीप सिंह ने कहा कि मोर्चा के संघर्ष के बाद सरकार ने यूनिवर्सिटी को 30 करोड़ रुपए, यानी 3 महीने के लिए 90 करोड़ रुपए की ग्रांट कर दी थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने विश्वविद्यालय को 60 करोड़ की ग्रांट जारी करने का पत्र भेजा है। सरकार के इस पत्र से विश्वविद्यालय में काफी निराशा है। मोर्चा के सदस्यों ने कहा कि सरकारको यूनिवर्सिटी के साथ किया वादा पूरा करना चाहिए व यूनिवर्सिटी को 90 करोड़ की ग्रांट जारी करे, ताकि विवि का सारा काम सही ढंग से हो सके।
यूनिवर्सिटी के पास वेतन जारी करने के लिए बजट नहीं: अग्रवाल
पंजाबी यूनिवर्सिटी के वित्त अधिकारी (एफओ) प्रमोद अग्रवाल ने कहा कि अब यूनिवर्सिटी के पास वेतन जारी करने के लिए भी बजट नहीं है, जिससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि पहले 6 महीनों के दौरान हर महीने 30-30 करोड़ की ग्रांट जारी की जा रही थी, लेकिन अब अचानक सरकार ने अनुदान घटाकर 20 करोड़ कर दिया है। उन्होंने कहा कि ग्रांट बढ़ाने को लेकर विश्वविद्यालय ने सरकार को पत्र भेजा है, लेकिन सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है।