पंजाब में आज 17 नवंबर से रोडवेज, पनबस और PRTC की बस सेवाएँ पूरी तरह ठप हो जाएंगी। यह फैसला पंजाब रोडवेज पनबस और PRTC कॉन्ट्रैक्ट वर्कर यूनियन ने सरकार की किलोमीटर स्कीम (KM Scheme) के विरोध में लिया है। यूनियन का साफ कहना है कि जैसे ही सरकार टेंडर खोलेगी, वे तुरंत हड़ताल पर चले जाएंगे।
यूनियन का आरोप है कि सरकार निजी बस कंपनियों को किलोमीटर के हिसाब से ठेका देकर सरकारी ट्रांसपोर्ट सिस्टम को कमजोर कर रही है। इससे सरकारी खजाने को नुकसान होगा और हजारों कर्मचारियों की नौकरी खतरे में पड़ जाएगी।
क्या है विवाद? – किलोमीटर स्कीम पर टकराव
कर्मचारियों के अनुसार:
- सरकार निजी ऑपरेटरों को “प्रति किलोमीटर भुगतान” पर बसों के रूट देना चाहती है।
- यूनियन इसे प्राइवेटाइजेशन की शुरुआत मान रही है।
- कर्मचारियों का कहना है कि इससे सरकारी बसें धीरे-धीरे कम होती जाएंगी और उनकी नौकरियाँ असुरक्षित हो जाएंगी।
- कई कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि कुछ निजी ऑपरेटर किलोमीटर “फुलाकर” दिखाते हैं ताकि उन्हें ज्यादा पैसा मिले।
यूनियन बार-बार सरकार को बता चुकी है कि यह स्कीम घाटे का सौदा है और इससे रोडवेज-PRTC का भविष्य खतरे में पड़ सकता है।
मुलाजिमों की दो बड़ी माँगें
- किलोमीटर स्कीम रद्द की जाए।
- कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को पक्का किया जाए।
यूनियन का कहना है कि वर्षों से काम कर रहे कच्चे मुलाजिमों को अब तक नियमित नहीं किया गया है, उल्टा निजी बसों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
आज क्या होने वाला है? – स्ट्रेटजी तैयार
यूनियन ने एक स्पष्ट रणनीति बनाई है:
- आज दोपहर 12 बजे से सभी बसें खड़ी कर दी जाएंगी।
- डिपो कमेटियों को आदेश है कि वे पूरे दिन डिपो में मौजूद रहें।
- पहला धरना PRTC चेयरमैन और MD के घर तथा हेड ऑफिस के बाहर लगाया जाएगा।
- 18 नवंबर को CM आवास का घेराव
- अगर सरकार फिर भी टेंडर खोलती है, तो कल मुलाजिम चंडीगढ़ पहुंचकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर पक्का धरना देंगे।
- सभी डिपो को पूरी तैयारी के साथ चंडीगढ़ आने को कहा गया है।
सरकार दो बार टेंडर खोलने की कोशिश कर चुकी है, हर बार बसें रुक गईं
इससे पहले सरकार दो मौके पर KM Scheme के टेंडर खोलने वाली थी, लेकिन दोनों बार कर्मचारियों के विरोध के बाद तारीख आगे बढ़ानी पड़ी:
- रक्षाबंधन से एक दिन पहले: दोपहर 12 बजे ही पूरे पंजाब में PRTC की बसें रुक गईं, लोग बस स्टैंडों पर फंस गए।
- 23 अक्टूबर (तरनतारन उपचुनाव के दौरान): जैसे ही टेंडर खुलने वाले थे, बस सेवाएँ रुक गईं और सरकार ने तारीख आगे बढ़ा दी।
आज फिर से टेंडर खोला जाना है, इसलिए हड़ताल और भी सख्त हो गई है।
PRTC की बस सेवा का दायरा कितना बड़ा है?
- PRTC की बसें 577 रूटों पर चलती हैं।
- रूट पंजाब के अलावा हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड तक जाते हैं।
- रोज़ाना लगभग 3,55,827 किलोमीटर की दूरी तय होती है।
- पूरे निगम में 3,065 कर्मचारी हैं—
- 1,310 नियमित
- 1,755 कॉन्ट्रैक्ट/आउटसोर्स
इतनी बड़ी संख्या के कारण आज बसों का रुकना लाखों लोगों को प्रभावित करेगा।
पहले भी कई बार विरोध हो चुका है
- जनवरी 2025 में भी तीन दिन की हड़ताल हुई थी।
- कर्मचारी नियमितीकरण, सैलरी में देरी और KM Scheme का विरोध कर चुके हैं।
- कई बार यूनियन ने कहा कि निजी बसों की वजह से सरकारी ट्रांसपोर्ट की कमाई घट रही है।
आम लोगों पर असर
बसें रुकने से:
- रोज आने-जाने वाले कर्मचारी,
- कॉलेज-स्टूडेंट्स,
- गांवों से शहरों में काम पर जाने वाले लोग
को सबसे ज्यादा परेशानी होगी।
कई रूटों पर निजी बसें नहीं चलती, इसलिए लोग स्टैंड पर फंस सकते हैं।
अब आगे क्या?
यह विवाद अब सीधे टकराव की स्थिति में है।
अगर सरकार बातचीत नहीं करती, तो आने वाले दिनों में हड़ताल और तेज हो सकती है।
दूसरी तरफ, सरकार का कहना है कि यह स्कीम ट्रांसपोर्ट सिस्टम को modernize करेगी।
अब देखना यह है कि सरकार और यूनियन के बीच समझौता होता है या संघर्ष बढ़ता है।