Punjab Budget: मंत्री हरपाल चीमा ने किया बजट सत्र की तारीखों का ऐलान

चंडीगढ़: मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब मंत्रिमंडल ने 16वीं पंजाब विधान सभा का छठा सत्र ( बजट समागम) एक मार्च से 15 मार्च, 2024 तक बुलाने की मंजूरी दे दी है। इस संबंधी फ़ैसला आज यहां पंजाब सिविल सचिवालय में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता अधीन मंत्रिमंडल की मीटिंग के दौरान लिया गया।

उक्त जानकारी देते हुये मुख्यमंत्री दफ़्तर के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंत्रिमंडल ने भारतीय संविधान की धारा 174 के अंतर्गत यह सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल को आधिकारित किया है। पंजाब सरकार 5 मार्च को वित्तीय साल 2024-25 के लिए बजट पेश करेगी। बजट सत्र के प्रोग्राम के अनुसार यह सेशन एक मार्च को राज्यपाल के भाषण के साथ शुरू होगा और बाद में दिवंगत शख़्सियतों को श्रद्धांजलियां भेंट की जाएंगी। इसी तरह 5 मार्च को साल 2024-25 के बजट अनुमान पेश किये जाएंगे और 15 मार्च को सदन अनिश्चित समय के लिए उठा दिया जायेगा। सुल्तानपुर लोधी में अमन-कानून की रक्षा करते हुये शहीद होने वाले ज़िला कपूरथला के गांव मनियाला के पंजाब होमगार्डज़ के वालंटियर जसपाल सिंह पुत्र दलीप सिंह ( नंबर- 28475) के योगदान के मद्देनज़र मंत्रिमंडल ने शहीद के परिवार को विशेष केस के तौर पर एक्स-ग्रेशिया ग्रांट देने का ऐलान किया है। राज्य सरकार ने पंजाब होमगार्डज़ के इस वालंटियरों के बलिदान को भी पुलिस अफसरों, अर्ध-सैनिक बल और फ़ौज में सेवा निभा रहे पंजाब के निवासी सैनिकों के समान दर्जा दिया है। इस प्रयास से पंजाब होमगार्डज़ वालंटियरों का मनोबल और बढ़ेगा।

मंत्रिमंडल ने साल 2019 की अध्यापक तबादला नीति के पैरा-9 में संशोधन को मंजूरी दे दी है जो अध्यापक काडर के उन कर्मचारियों के बड़े हित में किया गया है, जोकि छूट मुक्त श्रेणी में आते हैं। इसमें यह व्यवस्था की गई है कि जो मुलाज़िम कैंसर मरीज़ (स्वयं, जीवन साथी या बच्चे) /डायलसिस ( स्वयं, जीवन साथी या बच्चे/) लीवर या गुर्दा ट्रांसपलांट/ 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग/ हैपेटाईटस- बी/ हैपेटाईटस- सी/ स्किल सेल अनीमिया/ थैलेसीमिया (स्वयं या बच्चे/) तलाकशुदा/ जिन्हें मुलाजिमों के विशेष बच्चे या बौद्धिक तौर पर विशेष बच्चे हैं/ जंगी विधवा/ शहीद की विधवा/ जीवन साथी की मौत हो जाने की सूरत में सेवा निभा रहे मुलाज़िम का किसी अन्य स्टेशन पर तुरंत जाना अपेक्षित हो और बच्चों की उम्र 18 साल से कम हो या वह अध्यापक जिसका जीवन साथी हथियारबंद सेनाओं में सेवा निभा रहा है और उसकी तैनाती कठिन हालतों वाली जगह पर हो, इन सभी मामलों में बदलियों के लिए आवेदन महीनो के आधार पर पोर्टल पर जमा होंगी और कोई भी आफलाईन आवेदन स्वीकृत नहीं किया जायेगा ऐसे मामलों में हुक्म शिक्षा मंत्री की मंजूरी के बाद जारी किये जाएंगे।

मंत्रीमंडल ने जल संसाधन विभाग के डिज़ाइन विंग को सरकारी स्वामित्व वाले/ सहायता प्राप्त कालेजों और इंजीनियरिंग कॉलेजों/ संस्थाओं के स्टाफ की तर्ज़ पर निजी संस्थाओं को डिज़ाइन और कंसलटैंसी सेवाएं प्रदान करने की मंज़ूरी दे दी है। इसमें यह शर्त होगी कि डिज़ाइन और कंसलटैंसी सेवाओं के द्वारा पैदा होने वाले राजस्व का 40 प्रतिशत राज्य के खजाने में जमा करवाया जायेगा। इससे विभाग में राजस्व इकट्ठा होगा और विभाग की क्षमता निर्माण के साथ-साथ मानवीय शक्ति के सर्वोत्तम प्रयोग को यकीनी बनाया जायेगा। मंत्रीमंडल ने ‘दा ईस्ट पंजाब वॉर ऐवॉर्डज़ एक्ट- 1948’ में संशोधन करने के लिए बिल विधान सभा के आगामी सत्र में पेश करने की मंजूरी दे दी है। इस संशोधन से जंगी जागीर की राशि (वित्तीय सहायता) मौजूदा 10,000 रुपए सालाना से बढ़ कर 20,000 रुपए सालाना हो जायेगी। बताने योग्य है कि दा ईस्ट पंजाब वॉर ऐवॉर्डज़ एक्ट- 1948 के अंतर्गत उनके माता-पिता को जंगी जागीर दी जाती है, जिनके अकेले बच्चे या दो से तीन बच्चे दूसरे विश्व युद्ध, राष्ट्रीय एमरजैंसी-1962 और साल 1971 के दौरान भारतीय फ़ौज में सेवा निभा चुके हैं। इस समय पर इस स्कीम के अंतर्गत 83 लाभार्थी लाभ ले रहे हैं।

एक अन्य महत्वपूर्ण फ़ैसले में मंत्रिमंडल ने रक्षा सेवाएं भलाई विभाग के पुनर्गठन के बाद विभाग में ग्रुप-बी और सी के मुलाजिमों के सेवा नियमों को अंतिम रूप देने की मंजूरी दे दी है। बताने योग्य है कि पंजाब न सिर्फ़ लड़ाई के मैदान में आगे रहा बल्कि अपने सैनिकों की भलाई के लिये भी आगे रहा है। फ़ौजी सेवा के उपरांत ग्रुप-बी और सी के मुलाजिमों की नियुक्ति गई है और अब उनके सेवा नियमों को अंतिम रूप दिया गया है। मंत्रिमंडल ने उद्योग और वाणिज्य विभाग, पंजाब में ‘एम. एस. एम. ई. पंजाब’ नामक समर्पित विंग की स्थापना को मंजूरी दी है। यह पहलकदमी एम. एस. एम. ई उद्योगों को पेश विभिन्न चुनौतियों को हल करने और पंजाब को एक बहुत ही जीवंत और गतिशील औद्योगिक केंद्र में बदलने के लिए सरकार की वचनबद्धता द्वारा चलाया गया है। ‘एम. एस. एम. ई. पंजाब’ सूक्ष्म, छोटे और दर्मियाने उद्योगों की क्षमता को बढ़ाने के लिए काम करेगा, वित्तीय संस्थाओं और बैंकों से एम. एस. एम. ई. उद्योगों को कर्ज़े के निरंतर प्रवाह को यकीनी बनायेगा, जिससे उनको अपने विस्तार और नवीनता को बढ़ाने के योग्य बनाया जा सके। ‘एम. एस. एम. ई. पंजाब’ एम. एस. एम. ई. उद्योगों को उन्नत तकनीकें अपनाने और वैश्विक मंडी में आगे रहने के लिए उनके कामों को आधुनिक बनाने में सहायता प्रदान करेगा, आधुनिक टेस्टिंग सुविधाओं और गुणवत्ता प्रमाणीकरण के क्षेत्रों में सांझे सुविधा केंद्र की स्थापना की सुविधा प्रदान करेगा जिससे यह यकीनी बनाया जा सके कि उत्पाद अंतरराष्ट्रीय मापदण्डों को पूरा करते हैं। ‘एम. एस. एम. ई. पंजाब’ के पास एक्सैस-टू-क्रेडिट, एक्सैस- टू-टैक्नोलोजी, मार्केट तक पहुँच, हुनर तक पहुँच और सैक्टर की अन्य ज़रूरी ज़रूरतों के लिए समर्पित सब-डिवीज़न होंगे। सेवाओं की प्रभावी डिलीवरी को यकीनी बनाने के लिए ‘एम. एस. एम. ई. पंजाब’ पेशेवर एजेंसियों के साथ सहयोग करेगा जिससे उनकी महारत के साथ हिस्सेदारों को लाभ पहुँचाया जा सके।
सरकार की इस पहलकदमी से राज्य में लगभग 8 लाख मौजूदा और नये एम. एस. एम. ई. उद्योगों को बड़ा लाभ मिलेगा।

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