तपोवन (धर्मशाला): जल शक्ति विभाग में कार्यरत पैरा कर्मचारियों ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन अपनी मांगों को लेकर जोरावर स्टेडियम में प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने नारेबाजी करते हुए इस वर्ग के लिए पॉलिसी बनाने की मांग को प्रमुखता से रखा। पैरा कर्मियों की ओर से किए गए शांति प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेशाध्यक्ष रजनीश चौधरी और युवा विंग के प्रदेशाध्यक्ष महेश शर्मा ने किया।
उन्होंने बताया कि न तो पैरा कर्मचारियों के लिए अभी तक पॉलिसी बन पाई है और न ही इन्हें उचित वेतन दिया जा रहा है। इन कर्मियों को 4400 से 6000 रुपए मासिक मानदेय दिया जा रहा है, जोकि महंगाई के दौर में नाकाफी है। इन कर्मि यों को इतने कम वेतन में परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग उठाई है कि पैरा कर्मियों को 2 वर्ष के भीतर अनुबंध में लाया जाए और अगले 2 वर्ष बाद नियमित किए जाने की स्थायी नीति सरकार बनाए। यदि सरकार अब भी नहीं जागी तो पैरा कर्मी सड़क पर उतरने को मजबूर होंगे।
मांगों को लेकर एकमत न होने पर पैरा कर्मचारी आपस में उलझे
जोरावर स्टेडियम में पहुंचने पर मांगों को लेकर एकमत न होने पर पैरा कर्मचारी आपस में ही उलझ पड़े। पैरा कर्मी नियमितीकरण को लेकर स्थायी नीति को लेकर पहुंचे थे, लेकिन आपस में यह तय नहीं हुआ था कि कितने वर्ष बाद अनुबंध और उसके कितने वर्ष बाद नियमित किया जाए। इस पर कई पैरा कर्मियों ने सीधे तौर पर कह डाला कि राजनीति न की जाए और सभी एकत्र होकर यही मांग उठाएं कि 2 वर्ष बाद अनुबंध और अगले 2 वर्ष बाद नियमित किया जाए। यदि अब भी राजनीति की गई तो भविष्य में पैरा कर्मी एकत्र नहीं हो पाएंगे। इसके बाद सभी पैरा कर्मियों ने एकजुट होकर अपनी मांगों को उठाया।