OP राजभर ने केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से की मुलाकाता, यूपी में लोकसभा की पांच और बिहार की चार सीट मांगी

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने के लिए उत्तर प्रदेश की पांच और बिहार की चार लोकसभा सीट मांगी है। राजभर के बेटे और सुभासपा के मुख्य प्रवक्ता अरुण राजभर ने बृहस्पतिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने बुधवार को दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की। राजभर इससे पहले गत 29 दिसंबर को भाजपा अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से भी मिले थे।

उन्होंने बताया कि राजभर ने शाह और नड्डा से मुलाकात के दौरान गठबंधन के तहत उत्तर प्रदेश की गाजीपुर, बलिया, मऊ, सलेमपुर और चंदौली लोकसभा सीट मांगी है। इसके अलावा बिहार की नवादा, वाल्मीकि नगर, सीवान और काराकाट लोकसभा सीट देने की भी मांग की है। अरुण ने बताया कि इस पर अमित शाह और नड्डा ने सकारात्मक रुख दिखाते हुए समय आने पर कोई निर्णय लेने की बात कही है। अरुण ने बताया कि उत्तर प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी चर्चा की गई। इस दौरान शाह ने सुभासपा अध्यक्ष से खरमास तक रुकने के लिये कहा है। उम्मीद है कि यह विस्तार आगामी 16 जनवरी के बाद होगा। उन्होंने दावा किया कि शाह और नड्डा ने ओम प्रकाश राजभर को मंत्री बनाने का आश्वासन भी दिया है।

उन्होंने बताया कि सुभासपा अध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और बस्ती जिलों में जनवरी के बाद नड्डा और शाह की बड़ी रैलियां आयोजित करने की भी पेशकश की, जिसे दोनों भाजपा नेताओं ने स्वीकार किया है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने वर्ष 2022 में उत्तर प्रदेश का पिछला विधानसभा चुनाव समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन करके लड़ा था और उसे छह सीटों पर जीत मिली थी।

हालांकि, बाद में वह सपा से नाता तोड़कर भाजपा नीत राजग में शामिल हो गयी थी। पार्टी अध्यक्ष राजभर वर्ष 2017 में उत्तर प्रदेश में बनी राजग सरकार में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री थे लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कथित मनमुटाव के बाद वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से ऐन पहले वह सरकार से अलग हो गये थे। सुभासपा प्रमुख ओम प्रकाश राजभर गाजीपुर की जहूराबाद सीट से विधायक हैं। उन्हें उम्मीद है कि राज्य मंत्रिमंडल के अगले विस्तार में उन्हें फिर से मंत्री बनाया जाएगा।

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