मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में हुए फर्जीवाड़े की जांच करने पहुंचे समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण, बोले- जाँच में 240 लोग पाए गए अपात्र, 3 अधिकारी गिरफ्तार

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह में हुए फर्जीवाड़े की जाँच करने बलिया पहुंचे उत्तर प्रदेश सरकार के समाज कल्याण राज्यमंत्री असीम अरुण ने कहा कि अब तक कि जाँच में 240 लोग अपात्र पाए गए है। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात कि संतुष्टि है कि इस मामले में चार अधिकारियों पर कार्यवाई की जा चुकी है जिसमें से तीन को गिरफ्तार भी किया जा चुका है।

अल्प आयु में विवाह करने वालों की हो रही जांच
असीम अरुण ने कहा कि अब  मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कार्यक्रम को और दुरुस्त किया जायेगा और विवाह प्रमाण मौके पर ही दिया जायेगा। दो सप्ताह के अंदर ऐसी व्यवस्था बना ली जाएगी कि अब कोई ऐसी कुचेष्टि भी नहीं कर पायेगा। उन्होंने कहा कि इस पुरे मामले में चोर को भी पकड़ना है और ताले को भी मजबूत करना है। जो अल्प आयु ( नाबालिग ) के लोग शादी किये हैं उनकी जाँच अभी की जा रही है।

अब तक गड़बड़ी करने वाले 15 आरोपितों को भेजा जा चुका है जेल
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा करने वाले सहायक विकास अधिकारी भानु प्रताप और लिपिक रवींद्र गुप्ता को निदेशक समाज कल्याण ने शुक्रवार को देर शाम निलंबित कर दिया। इसके पहले एक सहायक विकास अधिकारी पर गाज गिर चुकी है। अब तक गड़बड़ी करने वाले 15 आरोपितों को जेल भेजा जा चुका है। मुख्य विकास अधिकारी ओजस्वी राज ने बताया कि मामले में कई ग्राम पंचायत अधिकारियों को भी चिन्हित किया गया है।

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 568 कन्याओं का कराया गया था विवाह
बता दें कि विकासखंड मनियर में 25 जनवरी को आयोजित मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह में 568 कन्याओं का विवाह संपन्न कराया गया था। आयोजन के दिन से ही विवाहिताओं द्वारा दोबारा लाभ लेने के लिए फिर से सामूहिक विवाह समारोह में बैठने का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित होने लगा। इसको लेकर सीडीओ ने पहले दिन जिला कृषि अधिकारी, जिला दिव्यांगजन अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग अधिकारी की तीन सदस्यीय समिति गठित की थी।

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