पंजाब में नशे की लत के कारण जहां कई युवाओं ने अपना घर और जिंदगी बर्बाद कर ली है, वहीं एक ऐसे पति-पत्नी की कहानी सामने आई है, जिन्होंने करीब एक करोड़ रुपए का नशा खा लिया। हैरानी की बात तो यह है कि उक्त जोड़े में पहले पति नशा करता था। व्यक्ति ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह 28 साल का था तो वह कुश्ती खेलने जाता था, उसकी सेहत अच्छी होने के कारण उसके दोस्त उसे अपनी किसी लड़ाई में ले जाते और जीतने के बाद पार्टी भी करते थे। वह कई बार लड़ाई में घायल हुआ और फिर 2013 में उसने पहली बार ड्रग्स का सेवन किया। यह नशा उसे उसके दोस्तों ने दिया था ताकि अगर वह किसी लड़ाई में घायल भी हो जाए तो उसे दर्द न हो।
इसके बाद वह नशे का आदी हो गया और उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी मां को सरकारी नौकरी मिल गई। उससे पैसे लेने के बाद वह नशा करने लगा। वह नशा करने के लिए कभी अमृतसर तो कभी बटाला जाता था। इसी दौरान उसकी दोस्ती एक लड़की से हो गई, जिसके बाद उसने उससे शादी कर ली। शादी के कुछ समय बाद उनकी पत्नी को पता चला कि वह नशे के आदी हैं। काफी कोशिशों के बावजूद भी उसने अपनी पत्नी की बात नहीं मानी और नशा करना जारी रखा और 2 साल बाद उनके घर एक बच्ची का जन्म हुआ लेकिन फिर भी उसने अपनी पत्नी के सामने नशा करना जारी रखा।
फिर 2017 में जब उसकी पत्नी दोबारा गर्भवती हुई तो एक दिन उसकी पत्नी ने कहा कि उसे सर्वाइकल में दर्द हो रहा है और दर्द से छुटकारा पाने के लिए उसने पहली बार अपने पति को नशा दिया। इसके बाद वह भी ड्रग्स के दलदल में फंस गईं और दोनों ने साथ में ड्रग्स लेना शुरू कर दिया। पत्नी ने बताया कि वह दिन में 3 बार सुबह, शाम और रात में नशे का सेवन करती थी और नशे के कारण उसने घर में रखे करीब 22 तोला सोने के गहने भी बेच दिए थे। उन्होंने ड्रग्स का सेवन करने के लिए कई लोगों से पैसे भी उधार लिए और बाद में उनसे दूरी बना ली। अब तक ये दोनों नशे में करीब एक करोड़ रुपए बर्बाद कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि जब पत्नी की डिलीवरी होने वाली थी, तब भी वह बहुत ज्यादा नशे में थीं और बेटा होने के बाद भी उन्होंने नशा करना जारी रखा। अब उनका बेटा 3 साल का है और लड़की भी बड़ी हो रही है। अब दोनों अपने बच्चों के लिए नशा छोड़ना चाहते हैं। इसलिए वह नशा मुक्ति केंद्र में दाखिल हो गए है, जहां पिछले 20 दिनों से इलाज चल रहा है।
रेड क्रॉस नशा मुक्ति केंद्र के परियोजना निदेशक रमेश महाजन ने इस दंपत्ति के मनोबल की सराहना करते हुए कहा कि दृढ़ इच्छा शक्ति से ही व्यक्ति किसी भी नशे से छुटकारा पा सकता है और उनका केंद्र ऐसे व्यक्तियों को हर संभव उपचार और सहायता प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि केंद्र में अब तक 27 हजार 406 नशा पीड़ितों का सफल इलाज किया जा चुका है। इस केंद्र में इलाज कराने के बाद 82 महिलाएं भी नशामुक्त होकर स्वस्थ जीवन जी रही हैं।