पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ मिड-डे-मील कुक्ज़ यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग को हिदायत की कि वह शिक्षा और वित्त विभागों के अधिकारियों और यूनियन के प्रतिनिधियों की शमूलियत वाली कमेटी बनाएँ, जो मिड-डे-मील के रसोइयों के वेतन से सम्बन्धित अलग-अलग पहलुओं संबंधी अध्ययन करके अपनी रिपोर्ट पेश करें, जिससे उनके वेतन में वृद्धि करने संबंधी फ़ैसला जल्द से जल्द लिया जा सके।
सुखदायक माहौल में हुई इस मीटिंग के दौरान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने मिड-डे-मील कुक्ज़ यूनियनों द्वारा उठाई गई माँगों संबंधी विस्तार में चर्चा की। वित्त मंत्री ने स्कूल शिक्षा विभाग को बैंकों या बीमा कंपनियों के साथ सलाह-मश्वरा करके एक बीमा पॉलिसी तैयार करने के निर्देश दिए, जो मिड-डे-मील के रसोइयों को स्वास्थ्य और जीवन बीमा दोनों मुहैया करवा सकें।
वित्त मंत्री ने शिक्षा विभाग को मिड-डे-मील के लिए रसोइयों की नियुक्ति संबंधी स्कूल प्रबंधक कमेटियों को दिशा-निर्देश जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन दिशा-निर्देशों में उन रसोइयों को पहल दी जाये जिनके पास इस योजना के अंतर्गत पहले काम का तजुर्बा है। उन्होंने कहा कि इसका सीधा लाभ उन मिड-डे-मील रसोइयों को होगा जिनको विवाह या किसी अन्य ठोस कारणों से स्कूल बदलना पड़ता है। उन्होंने कहा कि मतदान के दौरान इन रसोइयों का चुनाव के दौरान ड्यूटियाँ लगाने की सूरत में भुगतान सीधा इनके खातों में सुनिश्चित बनाने के लिए भी स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा चुनाव आयोग को पत्र लिखा जाये।
रसोइयों के छुट्टी पर चले जाने की सूरत में मिड-डे-मील तैयार करने में आ रही मुश्किलों के समाधान के लिए वित्त मंत्री ने शिक्षा विभाग को हिदायत की कि ऐसी स्थिति में स्कूल कमेटियों के पास मौजूद फंडों से दिहाड़ी और रसोइयों का प्रबंध करने की संभावनाओं का पता लगाया जाये। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा मिड-डे-मील रसोइयों के लिए ऐपरन, टोपी, दस्ताने आदि का प्रबंध करने के लिए भी जल्द से जल्द अपेक्षित कार्यवाही की जाये।