शराब से भरता है सरकार का खजाना, लॉकडाउन में शारब की बिक्री ना हुई तो हुआ करोड़ो का नुकसान

शराब पीना भले ही सेहत के लिए हानिकारक होती है लेकिन शारब किसी एक का तो फायदा करवा ही देते है और वो हैं सरकार | सरकार के लिए पैसे कमाने का ये जरिया बहुत आसान है | क्योंकि, शराब पर उत्पाद शुल्क से राज्य सरकारों को भारी राजस्व मिलता है| आम तौर पर राज्यों के राजस्व के मुख्य स्रोतों में राज्य जीएसटी, भूमि राजस्व, पेट्रोल और डीजल पर कर और अन्य कर शामिल हैं, लेकिन उत्पाद शुल्क राज्य सरकार के राजस्व में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

देश भर के कई राज्य उत्पाद शुल्क से बड़ा राजस्व कमाते हैं। ज्यादातर राज्यों में 15 से 30 फीसदी राजस्व शराब से आता है. इस मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है. वित्तीय वर्ष 2022-23 में यूपी को उत्पाद शुल्क से 41,250 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हुआ.

शराब पर टैक्स हर उत्पाद पर अलग-अलग होता है। उदाहरण के तौर पर बीयर, व्हिस्की, रम, स्कॉच, देशी शराब आदि पर अलग-अलग तरह से टैक्स लगाया जाता है। इसमें भी भारत में बनी और विदेश में तैयार होने वाली शराब पर अलग-अलग तरह से एक्साइज ड्यूटी लगाई जाती है. ऐसे में हर राज्य में शराब पर अलग-अलग टैक्स व्यवस्था है.

डीबी की रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान जब देशभर में शराब की दुकानें बंद थीं, शराब की बिक्री न होने से राज्यों को हर दिन करीब 700 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा था. ऐसे में समझा जा सकता है कि सरकार एक्साइज टैक्स से कितनी कमाई करती है.

तभी तो लॉकडाउन के दौरान शराब की दुकानों को खुलवाया गया ताकी सरकार अधीक कमाई कर सके |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *