गंगा सागर मेला: टूटे सारे रिकॉर्ड, एक करोड़ पुण्यार्थियों ने किया स्नान, राष्ट्रीय मेला घोषित करने की मांग की

पश्चिम बंगाल के बिजली, आवास, युवा मामले और खेल विभाग के मंत्री अरूप विश्वास ने सोमवार को दावा किया कि मकर संक्राति के अवसर पर गंगा सागर में सोमवार 3 बजे तक एक करोड़ पुण्यार्थियों ने पवित्र डूबकी लगाई। उन्होंने कहा, इस तरह से पुराने सारे रिकॉर्ड (पिछली बार 75 से 80 लाख) टूट गए। अरूप विश्वास ने सोमवार को दावा किया कि रविवार की रात 12:13 बजे से पवित्र स्नान का समय शुरू हुआ था। जैसे ही घड़ी में 12:13 बजे हाड़ कंपाने वाली सर्दी में शाही स्नान करने समुद्र में उतर गए। लोग अब भी कतारबद्ध होकर समुद्र में नहा रहे हैं। इतना ही नहीं, कई तीर्थयात्री आज भी बाबूघाट (कोलकाता) से गंगा सागर की तरफ आ रहे हैं। उन्होंने कहा, इतने बड़े मेले का आयोजन हो रहा है, फिर भी इस मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा नहीं मिल रहा है। उन्होंने केंद्र सरकार से गंगा सागर मेले को राष्ट्रीय मेले का दर्जा देने की मांग की।

उन्होंने बताया कि काकद्वीप और कचुबेरिया के लॉट नंबर आठ में तीर्थयात्रियों की भीड़ अभी भी बनी हुई है। पूरे दिन तीर्थयात्रियों का आना-जाना लगा रहा। इस बार सागर मेले में 6 स्नान घाटों की व्यवस्था की गई थी। हालाँकि, ऐसा लगता है कि ये भी कम रह गए। तेज हवा, घना कोहरा छाया हुआ है, फिर भी श्रद्धालु पुण्यार्थी समुद्र में गोते लगा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि समुद्र में स्नान करने के बाद, लोग कपिलमुनि मंदिर में आते हैं। रात से ही यहां पर भी लंबी भीड़ लगी हुई है। पत्रकार सम्मेलन में अरूप विश्वास के अलावा मंत्री शोवनदेव चट्टोपाध्याय, स्नेहाशीष चक्रवर्ती, पार्थ भौमिक और सुजीत बोस उपस्थित रहे। इनके अलावा जिला मजिस्ट्रेट सुमित गुप्ता और सुंदरबन के पुलिस अधीक्षक कोटेश्वर राव भी उपस्थित थे।

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