पंजाब डैस्क: खनौरी बॉर्डर पर युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत को लेकर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया है। जानकारी के अनुसार सी.एम. मान ने ट्वीट में लिखा कि किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए शुभकरण सिंह के परिवार को पंजाब सरकार 1 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता देगी। इतना ही नहीं शुभकरण की छोटी बहन को भी सरकारी नौकरी दी जाएगी। साथ ही सी.एम. मान ने ट्वीट करते लिखा कि जो भी आरोपी हैं उनके खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
किसान संघर्ष के दौरान खनौरी बार्डर पर शहीद हुए युवा किसान शुभकरण सिंह के परिवार का दुख बांटते हुए एकजुटता जाहिर करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने शुक्रवार को घोषणा की कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद के अलावा शुभकरण की बहन को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा की सीमा पर चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए इस शहीद के परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार दुख की इस घड़ी में परिवार के साथ खड़ी है और परिवार को संकट से बाहर निकालने में कोई कमी नहीं छोड़ेगी। भगवंत सिंह मान ने परिवार की आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह से पूरी मदद और समर्थन देने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि परिवार के साथ दुख की घड़ी में खड़े रहना राज्य सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने दोहराया कि राज्य सरकार शुभकरण के हत्यारों को सलाखों के पीछे भेजने के लिए वचनबद्ध है। उन्होंने कहा कि इस युवक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा दिलाई जाएगी। भगवंत सिंह मान ने अफसोस जताया कि शुभकरण को ‘नफरत के साथ चलाई गई गोली’ का शिकार बनाया गया, इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार व्यक्ति के साथ किसी भी तरह की नरमी नहीं होगी और उन्हें अपराध के अनुसार सजा दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस युवक की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ जांच के बाद एफ.आई.आर. दर्ज की जाएगी और उन्हें कड़ी सजा देना यकीनी बनाया जाएगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस कठिन समय में भी राज्य सरकार पंजाब के अन्नदाता के साथ खड़ी है, जिनके रास्ते में पंजाब विरोधी ताकतें बाधाएं डाल रही है ताकि वे अपनी जायज मांगों के लिए शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने के लिए राजधानी में न जा सकें। उन्होंने कहा कि पंजाबियों ने देश की आजादी, देश को अनाज के मामले में आत्म-निर्भर बनाने और देश की सीमाओं की रक्षा करने में बेमिसाल योगदान दिया है, लेकिन इसके बावजूद पंजाबियों को निशाना बनाया जा रहा है, जो सरासर नाइंसाफी और धक्केशाही है।
आपको बता दें कि गत दिवस शुभकरण सिंह का शव लेने गांववासियों ने उसका पोस्टमार्टम करवाने से इंकार कर दिया था। गांववासियों की मांग थी कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलता तब तक वे पोस्टमार्टम नहीं कराएंगे। शुभकरण सिंह की मौत के बाद परिवार भी बेहद सदमे में है। मृतक युवा किसान 2 बहनों का इकलौता भाई था। उनकी मां की पहले ही मौत हो चुकी है और उनका पालन-पोषण उनकी दादी ने किया था। आपको बता दें कि एमएसपी और अन्य मांगों को लेकर किसान पिछले 9 दिनों से दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान किसान शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर जब बढ़ने लगे तो हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले व प्लास्टिक की गोलियां दागी, जिसमें बठिंडा के बल्लो गांव के युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी।