गणतंत्र दिवस परेड के लिए राज्य की झाँकी रद्द करने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि सत्ता के नशे में अहंकारी केंद्र सरकार, स्वतंत्रता संग्राम में पंजाबियों द्वारा दिए गए बेमिसाल बलिदान का अनादर कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह पहली दफ़ा नहीं है, बल्कि पिछले साल भी भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने ऐसी शरारत की थी और इस साल भी झाँकी रद्द कर वही हरकत दोहराई है। केंद्र सरकार पंजाब के ज़ख्मों पर नमक छिडक़ रही है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ओर दुनिया भर से श्रद्धालु फतेहगढ़ साहिब पहुंच कर छोटे साहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह, बाबा फतेह सिंह और माता गुजरी की शहादत के समक्ष नतमस्तक हो रहे हैं, दूसरी ओर इन पवित्र दिनों में भाजपा सरकार पंजाब का अनादर करने के लिए ऐसे भद्दे हथकंडे अपना रही है। उन्होंने कहा कि शहादतें और बलिदान राज्य की महान विरासत का हिस्सा हैं, जिनको राज्य की झांकी में बखूबी दिखाया जाना था। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन देश-भक्ति के विचारों वाली झांकी को रद्द कर केंद्र सरकार ने महान देश-भक्तों और राष्ट्रीय नायकों के बलिदान का अपमान किया है।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट तौर पर कहा कि राज्य के साथ सौतेली माँ वाला यह सुलूक कतई बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह कितनी बदकिस्मती वाली बात है कि यह फ़ैसला उन दिनों के दौरान किया गया, जब समूची दुनिया छोटे साहिबज़ादों और माता गुजरी जी द्वारा दिए गए बेमिसाल बलिदान के आगे सिर झुका रही है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि अत्याचारी मोदी सरकार यह बात भूल गई है कि पंजाबियों ने देश की सरहदों की रक्षा के साथ-साथ आज़ादी हासिल करने और इसको बरकरार रखने के लिए बेमिसाल बलिदान दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की इस झांकी से गणतंत्र दिवस परेड, जिसमें इस साल फ्रांस के राष्ट्रपति मुख्य मेहमान के तौर पर शामिल होंगे, का गौरव बढऩा था। उन्होंने कहा कि इस परेड में हरेक राज्य अपनी विरासत को दिखाता है, परन्तु मोदी सरकार ने पिछले दो सालों में जान-बूझ कर पंजाब को इससे बाहर रखा है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस साल भी झांकी के लिए चुने गए राज्यों में से 90 प्रतिशत से अधिक भाजपा के शासन वाले राज्य हैं, जिससे झलकता है कि मोदी सरकार द्वारा स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का राजनीतीकरण किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस साल भी पंजाब सरकार ने तीन विषय ‘पंजाब-शहीदों और बलिदानों की गाथा’, ‘ नारी शक्ति’ (माई भागो-पहली महान सिख जंगजू बीबी) और ‘पंजाब का समृद्ध सभ्याचार की पेशकारी’ विषयों को झांकी के लिए भेजा था। उन्होंने कहा कि मंज़ूरी के लिए यह विषय समय पर केंद्र सरकार के पास भेज दिए थे। भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार ने इन विषयों को रद्द कर राज्य के योगदान को नजऱअन्दाज़ किया है।