पुरे देश भर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर जशन मनाया जा रहा है | हर जगा बस एक ही नाम गूंज रहा है और वो यही राम का नाम | सभी लोग 22 जनवरी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे है | रामलला टाट से निकलकर मंदिर में स्थापित हो रहे हैं | राम भक्तों का सालों से कर रहे रामलला का इंतज़ार अब खत्म होने वाले है | ऐसे में बहुत से लोगो का संकल्प भी पूरा होने वाला है |
ऐसे में मध्य प्रदेश के दमोह जिला निवासी बद्रीप्रसाद विश्वकर्मा का भी संकल्प पूरा हो गया है. बतादें की जिले के बटियागढ़ निवासी बद्रीप्रसाद विश्वकर्मा ने साल 1992 में प्रण लिया था कि जब रामलला भव्य मंदिर में स्थापित होंगे, तब वह अपनी चोटी से रामरथ खींचकर अयोध्या तक पैदल यात्रा करेंगे |
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख नज़दीक है और इसी खुशी में रामभक्त बद्रीप्रसाद ने 11 जनवरी से अपनी यात्रा शुरू कर दी है. 500 किलोमीटर के पड़ाव में रविवार को वह छतरपुर पहुंचे, जहां सनातनी लोगों ने उनका स्वागत किया. बद्री प्रसाद अपने बालों की चोटी से रामरथ खींचकर अयोध्या जा रहे हैं.
रामभक्त बद्रीप्रसाद का कहना है कि वह रोज चौबीस घंटे में पचास किलोमीटर चलते हैं और 22 जनवरी तक रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दिन तक या बाद में वह अयोध्य पहुंचकर रामलला के दर्शन कर अपने संकल्प की पूर्ति करेंगे.
राम भक्तों की यहाँ कोई कमी नहीं है हर कोई राम के लिए अपना प्यार अलग अलग तरीके से जाहिर करने में लगा है | जैसे जैसे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का दिन नज़दीक आ रहा वैसे वैसे लोगों में उत्तेजना भड़ती जा रही है |