चंडीगढ़ : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने उचाना में छात्राओं से छेड़छाड़ मामले में विधानसभा शीतकालीन सत्र में बोलते हुए कहा कि उन्होंने सदन में जो तथ्य रखे हैं। वे उस पर कायम हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में वही तथ्य हैं, जो सत्य है। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उस समय के सरपंच के पत्र का सबूत भी है और जांच होने पर मामले में सारे तथ्य सामने आएंगे। उन्होंने कांग्रेस विधायकों से यह भी सवाल पूछा कि वे सिटिंग जज की जांच से क्यूं डर रहे हैं ? क्या कांग्रेस ने आरोपी का बचाव किया था ? उस समय मुलाकात के बाद डिप्टी डायरेक्टर स्तर की टीम जांच करने गई थीं। यह बात साबित हो जाती है तो फिर कांग्रेस क्या बोलेगी ?
दुष्यंत चौटाला ने सदन में मांग की कि 2005 से लेकर 2023 तक प्रिंसिपल पर लगे आरोपों के सभी मामलों की जांच होनी चाहिए। इसके साथ में यह भी जांच होनी चाहिए कि क्या उस समय की शिक्षा मंत्री के आवास पर पंचायत हुई ? क्या शिक्षा मंत्री ने कोई कमेटी बनाई थी ? क्या उस समय डिप्टी डायरेक्टर ने जांच की थी ?
डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि उन्होंने आरोपी प्रिंसिपल साल 2005 में सरकारी नौकरी पर था, यह बात नहीं कही थी जबकि यह कहा था कि 2005 में भी उसके खिलाफ मामला उठा था। उन्होंने कहा कि वे इस बात पर कायम है कि साल 2005 में आरोपी प्रिंसिपल जींद के जिस निजी स्कूल में था, उस समय की वहां की भी जांच होनी चाहिए। दुष्यंत चौटाला ने कहा कि साल 2008 में आरोपी को पूर्व कांग्रेस सरकार के दौरान ही प्रिंसिपल भर्ती किया गया था और फिर साल 2012 में भी ऐसा ही मामला दोबारा सामने आया था। डिप्टी सीएम ने इस मामले में 15 दिसंबर को विधानसभा में दिए गए अपने बयान में सुधार करवाते हुए कहा कि यह मामला 2011 नहीं, दिसंबर 2012 का था।