लोकसभा सदस्यता छीने जाने के खिलाफ टीएमसी महुआ मोइत्रा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. सवाल-जवाब मामले में विवाद और चुनाव समिति की रिपोर्ट लोकसभा में रखे जाने के बाद सदन अध्यक्ष ने उन्हें निष्कासित कर दिया था. इसके खिलाफ टीएमसी सांसद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं.
बता दें कि महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा है. उनकी जांच कर रही संसद की प्रवर समिति ने महुआ की लोकसभा सदस्यता समाप्त करने की सिफारिश की. बाद में रिपोर्ट के आधार पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने महुआ को निष्कासित कर दिया.
तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा पर बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी के कहने पर संसद में सवाल पूछने का आरोप है। बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और लोकसभा स्पीकर से उनके खिलाफ शिकायत कर जांच की मांग की थी. उन्होंने दावा किया कि ये सबूत वकील जय अनंत देहरादई ने दिए हैं.
लोकसभा अध्यक्ष को लिखे अपने पत्र में, दुबे ने कहा था कि उन्हें एक वकील और महुआ के पूर्व मित्र जय अनंत से एक पत्र मिला था, जिसमें उन्होंने मोइत्रा और प्रतिष्ठित बिजनेस टाइकून दर्शन हीरानंदानी से पूछताछ करने के लिए रिश्वत का आदान-प्रदान किया था। साझा किया गया. मोइना द्वारा संसद में पूछे गए कुल 61 सवालों में से लगभग 50 सवाल दर्शन हीरानंदानी और उनकी कंपनी के व्यावसायिक हितों की रक्षा के लिए थे।