चंडीगढ़ : पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव संपन्न होते ही हरियाणा में सियासत का पारा पूरी तरह से गरमा गया है। बीजेपी जहां विकसित भारत संकल्प यात्रा के बहाने प्रदेश की जनता के बीच जाने लगी है वहीं कांग्रेस राहुल का संदेश विषयक यात्रा कु. सैलजा के नेतृत्व में शुरू करने वाली है। इसी बीच प्रदेश की दो आरक्षित लोकसभा सीटों पर भी उम्मीदवारी को लेकर घमासान का माहौल है।
हरियाणा में लोकसभा की दो आरक्षित सीटें हैं सिरसा और अंबाला। अंबाला सीट से सांसद रहे रतनलाल कटारिया का देहांत होने के बाद उनकी सीट खाली है वहीं सिरसा लोकसभा से फिलहाल बीजेपी की सुनीता दुग्गल सांसद हैं। हरियाणा प्रदेश के कई दलित नेता इन दोनों सीटों से चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं। चूंकि देश में मोदी लहर का हल्ला है। ऐसे में इस लहर का हिस्सा बनकर हर कोई नेता गंगा स्नान करना चाहता है। वैसे भी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट पर खर्च भी कम होता है लिहाजा कम सामथ्र्यवान भी भाग्य आजमाना चाह रहे हैं।
अंबाला सीट पर जहां दिवंगत सांसद रतनलाल कटारिया की धर्मपत्नी बंतो कटारिया अपना दावा कर रही हैं वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री व कांग्रेस की राष्ट्रीय सचिव सैलजा भी यहां से पुन: भाग्य आजमा सकती हैं। सैलजा दोनों आरक्षित सीटों से दो-दो बार पूर्व में सांसद रह चुकी हैं। भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर पर सवार होकर अंबाला संसदीय सीट 3.42 लाख से अधिक वोटों से जीती थी। दरअसल, बीजेपी ने अपने दम पर हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतीं। करीब नौ साल तक सत्ता में रहने के कारण, लोकसभा चुनाव सत्तारूढ़ गठबंधन के साथ-साथ सीएम मनोहर लाल की लोकप्रियता के लिए एक लिटमस टेस्ट होगा। यह चुनाव पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस के लिए भी चुनौती होगा।
अंबाला के आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र होने के कारण कुछ कुशल राजनीतिक प्रबंधन की आवश्यकता रहेगी। पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा, जो इस सीट से दो बार चुनी गईं, के हुडा के साथ मतभेद हैं। इसलिए, कांग्रेस की रणनीति वाकई दिलचस्प होगी। मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही रहने वाला है लेकिन सिरसा लोकसभा चूंकि पूर्व सीएम ओमप्रकाश चौटाला का गृह क्षेत्र है और यहां से कई बार उनकी पार्टी के सांसद चुने भी जा चुके हैं इसलिए यहां कांग्रेस और बीजेपी दोनों को ही खूब सोच समझकर उम्मीदवार उतारना पड़ेगा।
बीजेपी में सिरसा व अंबाला लोकसभा सीट से सीएम के पूर्व राजनीतिक सलाहकार कृष्ण बेदी, हरियाणा के पूर्व डीजीपी बीएस संधू, पूर्व एडीजीपी वी कामराज, वर्तमान में एडीजीपी श्रीकांत जाधव, कुमारी सैलजा, सुनीता दुग्गल, सुशील इंदौरा, चरणजीत सिंह रोड़ी के चर्चे हैं जिनका दोनों ही सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने का मन बना हुआ है। बाकी पार्टी हाईकमान की बात है कि टिकट किसे मिलता है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष व राष्ट्रीय महासचिव सैलजा विधानसभा का चुनाव लडऩे की घोषणा करके राजनीति में खलबली पैदा कर चुकी हैं वहीं सिरसा से मौजूदा सांसद सुनीता दुग्गल के भी रतिया विधानसभा से चुनाव लड़ने के चर्चे आम सुनने को मिल जाते हैं। हालांकि वे इन दिनों अपने संसदीय क्षेत्र सिरसा में काफी सक्रिय दिखाई दे रही हैं। पूर्व डीजीपी बीएस संधू पिछले दिनों सिरसा प्रवास के दौरान यह रहस्योद्घाटन कर गए थे कि उनकी प्राथमिकता अंबाला लोकसभा से लडऩे की है क्योंकि वे वहीं के रहने वाले हैं। इसी तरह कृष्ण बेदी ने भी सिरसा में हाईकमान की झोली में बात डाल दी। उन्होंने ‘सारा जहां हमारा’ की बात करते हुए जाहिर कर दिया कि हाईकमान उन्हें जहां से भी उतारेगा, वे तैयार हैं।