Tarn Taran By-Election में AAP की शानदार जीत: जनता ने काम की राजनीति पर लगाई मोहर

तरनतारन विधानसभा उपचुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) ने जबरदस्त और ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। AAP उम्मीदवार हरमीत सिंह संधू ने करीब 12,091 वोटों से जीत हासिल की। उन्हें 42,649 वोट मिले, जबकि दूसरे नंबर पर रही शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सुखविंदर कौर रंधावा को 30,558 वोट मिले।

इस उपचुनाव में कुल 15 उम्मीदवार मैदान में थे।
मतदान में 60.95% वोट पड़े और गिनती 16 राउंड तक चली।

क्यों है यह जीत अहम?

तरनतारन को पंथक सियासत का मजबूत गढ़ माना जाता है। इस सीट को पारंपरिक तौर पर अकाली दल का इलाका कहा जाता है। ऐसे इलाके में AAP की जीत बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

इससे पहले AAP ने लुधियाना पश्चिम (शहरी सीट) और जालंधर पश्चिम (दलित बहुल सीट) भी जीती थीं। अब तरनतारन की जीत ने यह साबित कर दिया है कि AAP को हर क्षेत्र—शहरी, ग्रामीण, दलित, हिंदू-बहुल और पंथक—हर जगह जनता का भरोसा मिल रहा है।

नेताओं की प्रतिक्रियाएँ

मनीष सिसोदिया (AAP पंजाब प्रभारी)

सिसोदिया ने जीत का जश्न मनाते हुए कहा:
पंजाब के लोगों ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों को पूरी तरह नकार दिया है। उनकी ज़मानत तक ज़ब्त हो गई है। यह साफ दिखाता है कि लोग काम वाली राजनीति चाहते हैं, झूठे बयान नहीं।

अमन अरोड़ा (AAP पंजाब अध्यक्ष)

अमन अरोड़ा ने जोर देकर कहा:
ये जीत मान सरकार के पिछले साढ़े तीन साल के काम पर लोगों की सीधी मुहर है। कांग्रेस और बीजेपी महीनों से झूठ फैलाती रहीं, लेकिन लोग उन पर भरोसा नहीं कर रहे।

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने दलित समुदाय के खिलाफ गलत भाषा का इस्तेमाल किया और उसका जवाब जनता ने उनकी ज़मानत ज़ब्त करवाकर दे दिया।

लालजीत सिंह भुल्लर (कैबिनेट मंत्री)

भुल्लर बोले:
कांग्रेस ने दलित समाज का अपमान किया और समाज ने उन्हें उचित जवाब दिया।

हरदीप सिंह मुंडिया (AAP नेता)

उन्होंने कहा कि पहले AAP ने लुधियाना जैसी शहरी सीट जीती, और अब तरनतारन जैसी पंथक और ग्रामीण सीट।
इससे साफ है कि AAP हर इलाके और हर वर्ग की पसंद है।

तरुणप्रीत सिंह सौंद (AAP युवा नेता)

पंजाब ने कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल को फिर नकार दिया। AAP ही एकमात्र विकल्प है।

बरिंदर गोयल (AAP नेता)

लोगों ने मान सरकार के शासन मॉडल को बड़ा जनादेश दिया है।

हरमीत सिंह संधू (विजेता उम्मीदवार)

जीत के बाद संधू ने हलके में ‘धन्यवाद रोड शो’ किया और कहा:
मैं पूरी लगन से काम करूँगा। तरनतारन का हर लंबित काम प्राथमिकता पर किया जाएगा।

हरचंद सिंह बरसट (AAP महासचिव)

ये जीत AAP कार्यकर्ताओं की मेहनत और जनता के भरोसे की जीत है।

विपक्ष की स्थिति

  • SAD ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन AAP से पीछे रह गया।
  • एक Independent उम्मीदवार मंदीप सिंह (Waris Punjab De समर्थक) ने 19,620 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया—उन्होंने अकाली वोटों को काफी बांटा।
  • कांग्रेस उम्मीदवार करणबीर सिंह बुर्ज को सिर्फ 15,078 वोट मिले।
  • बीजेपी के उम्मीदवार हरजीत सिंह संधू तो 6,239 वोट ही जुटा पाए — उनकी ज़मानत भी ज़ब्त हो गई।

चुनाव के दौरान विवाद भी रहा

उपचुनाव के दौरान एक आईपीएस अधिकारी रवजोत कौर ग्रेवाल को AAP को फेवर करने के आरोप में सस्पेंड किया गया।
उन पर चुनाव प्रक्रिया में दखल देने का आरोप लगा था।

2027 चुनावों के लिए क्या मतलब?

विरोधियों ने इस चुनाव को “2027 का सेमीफाइनल” बताया था।
अमन अरोड़ा ने कहा:
अगर यह सेमीफाइनल था, तो AAP ने इसे बड़े अंतर से जीत लिया। 2027 का फाइनल भी हम और बड़े अंतर से जीतेंगे।

AAP के लिए यह जीत लगातार 7 में से 6 बायपोल जीतने का सिलसिला जारी रखती है — इससे साबित होता है कि पंजाब में उनका जनाधार मजबूत है।

निष्कर्ष

  • तरनतारन की जीत AAP के विकास मॉडल, honest governance और ground-level काम की जीत है।
  • पंजाब की जनता कांग्रेस, बीजेपी और अकाली दल से नाखुश दिखाई दे रही है।
  • AAP पंजाब में शहरी, ग्रामीण, दलित और पंथक—हर तरह की सीट पर अपनी पकड़ मजबूत कर रही है।

यह उपचुनाव साफ संदेश देता है:
पंजाब काम को वोट दे रहा है, वादों को नहीं।

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