पंजाब के पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं। रिश्वत लेने और आय से अधिक संपत्ति जुटाने के मामले में फंसे भुल्लर की न्यायिक हिरासत आज पूरी हो रही है, जिसके चलते उन्हें आज CBI की अदालत में पेश किया जाएगा।
CBI की तरफ से इस केस में उनका रिमांड (Remand) मांगा जाएगा ताकि आगे की पूछताछ की जा सके।
रिश्वत का मामला कैसे शुरू हुआ
यह पूरा मामला मंडी गोबिंदगढ़ के व्यापारी आकाश बत्ता की शिकायत से शुरू हुआ।
आकाश ने बताया कि भुल्लर ने एक मामले में मदद के बदले 5 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी।
CBI ने 15 अक्टूबर को शिकायत की वेरिफिकेशन रिपोर्ट तैयार की और बिचौलिए कृष्नु को ट्रैप ऑपरेशन के दौरान रंगेहाथ पकड़ा, जब वह व्यापारी से रिश्वत ले रहा था।
CBI के मुताबिक, कृष्नु पूर्व DIG हरचरण सिंह भुल्लर की ओर से यह रिश्वत ले रहा था। इसके बाद दोनों—भुल्लर और कृष्नु—को गिरफ्तार किया गया।
CBI की छापेमारी में करोड़ों की बरामदगी
गिरफ्तारी के बाद CBI ने 16 और 17 अक्टूबर को भुल्लर के चंडीगढ़ स्थित घर (सेक्टर 40-B) पर छापेमारी की।
इस दौरान जो चीज़ें मिलीं, उन्होंने जांच एजेंसी को भी हैरान कर दिया।
CBI को उनके घर से:
- ₹7 करोड़ 36 लाख 90 हजार रुपए नकद (जिसमें से ₹7.36 करोड़ जब्त किए गए)
- ₹2 करोड़ 32 लाख रुपए के सोने-चांदी के गहने
- 26 महंगी ब्रांडेड घड़ियां
- Mercedes, Audi, Innova और Fortuner जैसी लग्जरी कारें
- और कई प्रॉपर्टियों के कागजात मिले।
CBI ने बताया कि उनके पास चंडीगढ़ (सेक्टर 40-B और सेक्टर 39) में घर हैं, इसके अलावा मोहाली, लुधियाना और होशियारपुर में करीब 150 एकड़ जमीन के दस्तावेज भी मिले हैं।
ये संपत्तियां भुल्लर, उनकी पत्नी तेजिंदर कौर, बेटे गुरप्रताप सिंह और बेटी तेजकिरण कौर के नाम पर हैं।
बैंक अकाउंट और टैक्स रिटर्न की जांच
CBI को जांच के दौरान भुल्लर और उनके परिवार के नाम पर 5 बैंक अकाउंट और 2 एफडी (Fixed Deposits) मिले हैं।
HDFC बैंक के सैलरी अकाउंट में अगस्त और सितंबर महीने में ₹4.74 लाख की सैलरी जमा हुई थी।
भुल्लर ने वित्त वर्ष 2024–25 के लिए दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न में अपनी कुल आय ₹45.95 लाख दिखाई थी।
टैक्स देने के बाद उनकी सालाना नेट इनकम लगभग ₹32 लाख बनती है।
लेकिन उनके घर, जमीन, गहनों और बैंक बैलेंस को मिलाकर जो संपत्ति मिली है, वह कई करोड़ रुपए की है — यानी उनकी घोषित आय से कई गुना ज़्यादा।
CBI की जांच में क्या निकला
CBI के अनुसार, 1 अगस्त से 17 अक्टूबर के बीच भुल्लर की वेतन आय केवल ₹4.74 लाख थी, लेकिन इसी अवधि में उन्होंने कई करोड़ रुपए की संपत्ति जुटा ली।
एजेंसी का दावा है कि भुल्लर ने अज्ञात व्यक्तियों की मदद से अपनी ज्ञात आय से कहीं अधिक संपत्ति बनाई और अपने सरकारी पद का गलत फायदा उठाया।
CBI के अधिकारियों के मुताबिक:
“पूर्व DIG भुल्लर अपनी जब्त की गई संपत्तियों के बारे में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। यह साफ दिखाता है कि उन्होंने रिश्वत और अन्य अवैध तरीकों से खुद को अमीर बनाया।”
अब तक की जांच और आगे की कार्रवाई
- CBI पहले ही बिचौलिए कृष्नु को रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है।
- कृष्नु से मिली जानकारियों के आधार पर अब CBI भुल्लर और दूसरे पुलिस अफसरों, व्यापारियों के बीच के संपर्कों की जांच कर रही है।
- एजेंसी यह भी पता लगा रही है कि भुल्लर ने किन-किन लोगों के नाम पर संपत्ति खरीदी या निवेश किया।
आज की पेशी में CBI भुल्लर का रिमांड बढ़ाने की मांग करेगी ताकि उनसे संपत्ति के सोर्स, बैंक डिटेल्स और रिश्वत से जुड़े मामलों पर और पूछताछ की जा सके।
कुल मिलाकर
पूर्व डीआईजी हरचरण सिंह भुल्लर के खिलाफ रिश्वत और Disproportionate Assets (आय से अधिक संपत्ति) का यह केस पंजाब पुलिस और प्रशासन दोनों के लिए बड़ा करप्शन स्कैंडल बन गया है।
CBI के हाथ लगे करोड़ों के कैश, गहने और लग्जरी आइटम ने भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर कर दिया है।
अब देखना यह होगा कि अदालत में रिमांड मिलने के बाद CBI और क्या नए खुलासे करती है।
 
		 
		