अमेरिका में लॉस एंजिलिस की एक अदालत ने भारतीय मूल के 5 भाइयों से जुड़े विवाद में 21 साल बाद फैसला सुनाया है और भारी भरकम अरबों डॉलर की क्षतिपूर्ति और संपत्ति के बंटवारे का आदेश दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यह फैसला 21 साल पुराने भूमि विवाद में आया है, जिसमें हरेश जोगानी को अपने चार भाइयों को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का हर्जाना देने और डेक्कन कैलिफोर्निया में अपनी संपत्ति के शेयरों को छोड़ने का आदेश दिया गया था।
संपत्ति की बात करें तो यहां करीब 17000 अपार्टमेंट हैं जिनकी कीमत अरबों अमेरिकी डॉलर से भी ज्यादा है। यह मुकदमा 2003 में दायर किया गया था और अरबों के भुगतान और संपत्ति के वितरण के फैसले के साथ इसका निपटारा किया गया था। लॉस एंजिल्स अदालत में 18 अपीलें दायर की गईं। इस दौरान कई पीढ़ियों के वकीलों और 5 जजों ने मामले की सुनवाई की।मुकदमा इस आरोप पर शुरू हुआ कि हरेश जोगानी ने अपने भाई-बहनों के साथ लंबे समय से चली आ रही साझेदारी को तोड़ दिया है। सजा के तौर पर उन्हें 2000 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा।
आपको बता दें कि गुजरात के मूल निवासी जोगानी बंधुओं ने यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका और मध्य पूर्व में हीरे के व्यापार के जरिए खूब पैसा कमाया। 2003 में दर्ज की गई शिकायत के मुताबिक, शशिकांत जोगानी 1969 में कैलिफोर्निया चले गए और ज्वेलरी का कारोबार शुरू किया और फिर प्रॉपर्टी का काम शुरू करते हुए अपनी खुद की फर्म शुरू की।
1990 के दशक की शुरुआत में, जब मंदी के कारण संपत्ति का नुकसान हुआ, तो शशिकांत जोगानी अपने भाइयों को अपने साथ ले आए और उन्हें फर्म में भागीदार बनाया। शिकायत के अनुसार, हरेश जोगानी ने बाद में साझेदारी समाप्त कर दी और अपने भाई को फर्म में प्रबंधन से जबरन हटा दिया और उसे पैसे देने से इनकार कर दिया।
दूसरी ओर, हरेश जोगानी ने तर्क दिया कि लिखित समझौते के बिना, उनके भाई-बहन यह साबित नहीं कर सके कि उनके बीच साझेदारी थी, लेकिन लॉस एंजिल्स अदालत ने पाया कि हरेश ने मौखिक समझौते का उल्लंघन किया है।