पंजाब के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री पंजाब लालजीत सिंह भुल्लर ने आज ग्राम पंचायत हिरदापुर के गाँव हरनामपुर का दौरा किया और ज़िला प्रशासन की हाज़िरी में 85 एकड़ के करीब पंचायती ज़मीन से नाजायज कब्ज़ा हटाया।
कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार द्वारा पूरे राज्य में पंचायती ज़मीनों से नाजायज़ कब्ज़े हटवाने की मुहिम चलाई जा रही है जिसके अंतर्गत गाँव हरनामपुरा में 85 एकड़ के करीब पंचायती ज़मीन से कब्ज़ा छुड़वा लिया गया है। उन्होंने बताया कि इस जमीन पर उद्योगपति से लेकर गाँव वासियों तक द्वारा नाजायज कब्ज़ा किया हुआ था।
लालजीत सिंह भुल्लर ने कहा कि आज से इस ज़मीन की मल्कीयत ग्राम पंचायत हिरदापुर के गाँव हरनामपुर को सौंप दी गई है जिसकी कीमत चंडीगढ़ के नज़दीक होने के कारण 100 करोड़ रुपए से अधिक है। यह ज़मीन बहुत उपजाऊ है जिसमें अमरूदों के बाग़, ख़ैर के पेड़ लगे हुए हैं और कई लोगों द्वारा कब्ज़ा करके खेती की जा रही थी। इस ज़मीन को गाँव की पंचायत के हवाले करके खुली बोली के द्वारा खेती के लिए आगे दिया जायेगा और इस आमदन को गाँव के विकास पर खर्च किया जायेगा।
ग्रामीण विकास मंत्री ने अधिकारियों को हिदायत की कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाये कि जिन लोगों का ज़मीन पर कब्ज़ा था, उनको बोली में शामिल न किया जाये। उन्होंने कहा कि इस ज़मीन पर कब्ज़ा हटवाने से जहाँ सरकार की आमदन में वृद्धि होगी, वहीं साथ ही पंचायत की आमदन में भी बढ़ेगी, जिससे गाँवों की नुहार को बदलने में निश्चित रूप से मदद होगी।
उन्होंने लोगों से अपील की कि अपने गाँवों में नाजायज कब्ज़ों को छुड़वाने में पंजाब सरकार का सहयोग करें। जिसके नतीजे के तौर पर पंचायतों द्वारा आमदन बढ़ाने का बढ़िया प्रयास किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पहले भी इसी तरह के नाजायज कब्ज़े छुड़वाए जा चुके हैं जिसमें बहुत सी कमर्शियल और कृषि से सम्बन्धित ज़मीनें हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार बहुत ही सख्ती से नाजायज कब्ज़ों के प्रति कार्यवाही कर रही है और भविष्य में जिसने भी पंचायती ज़मीनों पर नाजायज कब्ज़ा किया हुआ है उन ज़मीनों को कब्ज़ा मुक्त करवाया जायेगा।
उन्होंने कहा कि पिछले समय में सरकारों द्वारा पंचायती ज़मीनों पर कब्ज़े करवाए गए और राज्य के हज़ारों लाखों एकड़ ज़मीन जिससे पंजाब सरकार को व्यापक स्तर पर राजस्व इकट्ठा होना था वह नहीं हो पाया। जिससे राज्य सरकार को वित्तीय घाटा पड़ा है वहीं कीमती ज़मीनों पर नाजायज कब्ज़ों को हटवाने के लिए सख्त प्रयास भी करने पड़ रहे हैं