चंडीगढ़ : हरियाणा के स्कूलों में मूलभूत सुविधाओं को उपलब्ध करवाने के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में दायर शपथ पत्र पर कोर्ट ने संतोष जताया है और अधिकारियों को व्यक्तिगत उपस्थिति में छूट दी है। शपथ पत्र में सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि स्कूलों में लड़कों और लड़कियों के लिए शौचालयों के साथ-साथ बिजली कनेक्शन से संबंधित आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध करवा दी गई हैं। शपथ पत्र में अतिरिक्त कक्षाओं और अन्य कमरों के निर्माण के लिए बजटीय आवंटन का विवरण भी है, जिसमें इन आवश्यक कार्यों को पूरा करने के लिए एक क्रम में समय सीमा दी गई है।
इसके अलावा हरियाणा शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने आश्वासन दिया है कि स्कूलों में शिक्षकों की रिक्तियों की स्थिति को प्राथमिकता से देखा जा रहा है और राज्य के स्कूलों में भर्ती प्रक्रिया और रिक्तियों के संबंध में कोर्ट के सामने अगली सुनवाई से पहले एक रिपोर्ट दी जाएगी। अब इस मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी 2024 को होगी।
उल्लेखनीय है कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाने हेतु एक याचिका में पिछली सुनवाई के दौरान किसी वजह से नया एफिडेविट कोर्ट में पेश नहीं किया जा सका था जिसके बाद हाईकोर्ट ने इस संबंध में 23 नवंबर 2023 अंतरिम आदेश पारित कर दिया जबकि सारी कमियां पूरी की जा चुकी थी। उन सभी स्कूलों में पीने का पानी, लड़कों व लड़कियों के लिए शौचालय और बिजली की सुविधाएं उपलब्ध करा दी गई थी, जहां इनकी कमी थी।
हरियाणा सरकार द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग को बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए आवश्यक 1738 करोड़ रुपये में से 580 करोड़ रुपये दिए गए। इस उपलब्ध बजट में से, विभाग ने अब तक लगभग 302 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी की है, जिसमें से लगभग 167 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही संबंधित ठेकेदार/निर्माण एजेंसी को किया जा चुका है।