लुधियाना के गियासपुरा में हुए गैस लीक हादसे के मामले में शुक्रवार को एनजीटी के सदस्य घटना स्थल का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान कई फैक्ट्रियों में चेकिंग की गई. क्षेत्र में सीवेज के नमूने लिए गए। वहीं, फैक्ट्री मालिकों का आरोप है कि घटना के वक्त आरती क्लीनिक चलाने वाले कपिलश ने ही सीवेज में कोई केमिकल गिरा दिया था, जिसका खामियाजा आज भी उन लोगों को भुगतना पड़ रहा है.
इस मामले में एनजीटी के सदस्यों ने फैक्ट्री संचालकों के आरोप को बेबुनियाद बताया. केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड से भरत कुमार शर्मा, पर्यावरण मंत्रालय से राजा राम, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान और एनडीआरएफ से दुगन लाल जाखड़ पहुंचे।
एनजीटी की टीम ने मामले की नए सिरे से जांच शुरू कर दी है. हादसे के वक्त वहां मौजूद कुछ लोगों से भी पूछताछ की गई. आपको बता दें कि 2 महीने पहले एनजीटी प्रशासन ने जांच कमेटी की जांच पर असंतोष जताया था.
नई टीम गैस रिसाव के कारण और इसके लिए जिम्मेदार लोगों की पहचान करने में जुटी है. जिस इलाके में स्विरजे से H2S गैस लीक हुई, वहां कई ऐसे उद्योग चल रहे हैं जिनके पास ट्रीटमेंट प्लांट तक नहीं है. ये लोग रात में या बारिश होने पर रासायनिक पानी सीवर में डाल देते हैं।
आपको बता दें कि 30 अप्रैल को लुधियाना में गैस रिसाव से 11 लोगों की मौत हो गई थी. मृतकों में 5 महिलाएं, 4 पुरुष और 2 बच्चे शामिल हैं. बच्चों की उम्र 10 और 13 साल थी. हादसा सुबह 7.15 बजे शहर के ग्यासपुरा इंडस्ट्रियल एरिया के पास एक बिल्डिंग में चल रही किराना दुकान में हुआ।