मिलन ने सुभाष को दिया क्रिप्टो ठगी का प्लान, उत्तर प्रदेश के शातिर ने बनाए ठगी के सॉफ्टवेयर

हिमाचल में क्रिप्टो करंसी नाम से लोगों से अरबों रुपए की ठगी करने का खेल मंडी के सुभाष शर्मा ने अकेले नहीं रचा है, बल्कि इस खेल में पर्दे के पीछे एक और असली किरदार मिलन गर्ग है। उत्तर प्रदेश के मेरठ के रहने वाले मिलन गर्ग ने मंडी के सुभाष शर्मा के साथ हिमाचल व आसपास में अढ़ाई हजार करोड़ की ठगी को अंजाम दिया है। मिलन गर्ग और सुभाष की मुलाकात दुबई में हुई थी और यही से क्रिप्टो करंसी के नाम पर ठगी का खाका तैयार किया गया। उत्तर प्रदेश के मेरठ का रहने वाला मिलन गर्ग इससे पहले हाइपेनेक्स्ट योजना के माध्यम से भी करोड़ों की ठगी कर चुका है। इसके बाद क्रिप्टो के माध्यम से मिलन गर्ग ने सुभाष शर्मा को साथ लेकर सबसे बड़ी ठगी को अंजाम दिया है। अब बताया जा रहा है कि सुभाष के दुबई भागने के बाद मिलन गर्ग थाईलैंड भाग चुका है। हालांकि एसआईटी उसकी असली लोकेशन की जांच कर रही है। मिलन गर्ग ने ही तीन साल में एमएलएम नेटवर्क के लिए पांच अलग अलग सॉफ्टवेयर तैयार करवा कर दिए थे। इन सॉफ्टवेयर को मिलन गर्ग ही आपरेट करता था। जब-जब लोगों को शक होने लगा, तो मिलन गर्ग यह सॉफ्टवेयर बदलवाता गया।

ये सॉफ्टवेयर देश से बाहर तैयार करवाए गए। जनवरी, 2022 में हिमाचल प्रदेश के बड़े-बड़े एजेंट की जब दिल्ली में सुभाष शर्मा के साथ अंतिम बैठक हुई थी, तो इस बैठक में पहली बार मिलन गर्ग भी सामने आया था। इससे पहले हिमाचल के सैकड़ों एजेंट ने मिलन गर्ग का नाम ही सुना था। इस बैठक में स्वयं मिलन गर्ग ने स्वयं बताया था कि इस स्कीम का सारा सॉफ्टवेयर वह संभाल रहा है और सबका पैसा सुरक्षित है। जांच में यह भी बात सामने आई कि इस खेल में सुभाष ने स्वयं अपनी कोई आईडी नहीं लगाई थी। सारा पैसा सुभाष तक ही पहुंचता था, लेकिन उसके नाम से कोई आईडी नहीं मिली है। सारे खेल में मास्टर आईडी हेमराज, सुखदेव व मिलन गर्ग के नाम से हैं। इससे तीनों को घर बैठे हर माह करोड़ों रुपए की कमीशन आती थी। शुरुआत में सुभाष के एजेंट होने के साथ-साथ मिलन गर्ग को छोड़ कर बाकी सभी सुभाष की पांच फर्जी कंपनियों में पार्टनर भी बन गए थे। (एचडीएम)

ईडी के राडार पर पांच महिलाएं

इस सारे मामले में पांच महिलाएं प्रवर्तन निदेशालय ईडी की राडार पर हैं। पांच महिलाओं में पंजाब के जीरकपुर की एक, हमीरपुर की दो, ऊना व बद्दी की एक एक महिला शामिल है। इन्होंने कोर्वियो, वास्को व हाइपेनेक्स्ट योजना चलाकर लोगों से करोड़ों रुपए का निवेश करवाया है। इनमें से दो महिलाएं पुलिस की गिरफ्त में हैं।

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