इंटरनैशनल डेस्क : सोशल मीडिया कंपनी मेटा को उसके इंस्टाग्राम प्लेटफॉर्म पर 13 वर्ष से कम आयु के दस लाख से अधिक बच्चों के होने की जानकारी 2019 से है। फिर भी, कंपनी ने बहुत कम अकाउंट निष्क्रिय किए हैं। अमेरिका में 33 राज्यों के अटॉर्नी जनरलों ने इस संबंध में कंपनी के खिलाफ अदालत में शिकायत दाखिल की है। कोर्ट में दायर मामले के अनुसार कंपनी ने बच्चों की प्राइवेसी का कानून तोड़ा है। अगर राज्यों ने आरोप साबित कर दिए तो मेटा पर लाखों डॉलर जुर्माना हो सकता है।
शिकायत में कहा गया है कि कंपनी में इंस्टाग्राम के लाखों यूजरों के 13 साल से कम होने की जानकारी हर किसी को है। इसे सामान्य तौर पर दस्तावेजों में दर्ज किया जाता है। इसका विश्लेषण होता है लेकिन यह सार्वजनिक रूप से गोपनीय है। प्राइवेसी से संबंधित ये आरोप पिछले माह कैलिफोर्निया, कोलोरेडो और 31 अन्य अमेरिकी राज्यों द्वारा नार्दनं डिस्ट्रिक्ट, कैलिफोर्निया की यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में द दायर बड़े मुकदमे का हिस्सा हैं। मुकदमे में आरोप है। कि मेटा गलत तरीके से युवाओं को अपने इंस्टाग्राम, फेसबुक प्लेटफॉमों के जाल में फंसा रही है। वह यूजरों को होने वाले नुकसान छिपा रही है जो कंपनी की अंदरूनी स्टडी में सामने आए हैं।
बुधवार को दाखिल एक अन्य शिकायत में राज्यों के म के मुकदमे के बारे में नए ब्योरे का पता लगा है। कंपनी के प्रेजेंटेशन, आंतरिक ई-मेल और कर्मचारियों के चैट से मिली जानकारी के आधार पर कहा गया है, इंस्टाग्राम वर्षों से अंडर ऐज यूजर्स को आकर्षित कर रहा है। मेटा लगातार आयु चेकिंग सिस्टम लागू करने में नाकाम रही है। इसकी बजाय उसने ऐसे तरीके अपनाए जिससे 13 साल से कम आयु यु के यूज अपना इंस्टाग्राम अकाउंट बनाने के लिए आयु के संबंध में झूठ बोल सकें। यह भी आरोप है कि मेटा के अधिकारियों ने संसद कांग्रेस में अपने बयान में कहा कि कंपनी के आयु चेक करने वाले सिस्टम असरदार हैं और जानकारी होने के बाद कंपनी ने अंडर ऐज अकाउंट हटाए हैं।
कोर्ट में दाखिल शिकायत के अनुसार 21 नवंबर को कंपनी के एक अंदरूनी चैट में इंस्टाग्राम के प्रमुख एडम मोसेरी ने कहा, टीनएजर इंस्टाग्राम अकाउंट तक पहुंचना चाहते हैं और वे उसके लिए अपनी आयु के संबंध में झूठी जानकारी देते हैं। इस बीच, शनिवार को मेटा ने एक बयान में कहा कि कंपनी टीनएजरों के ऑनलाइन अनुभव को क सुरक्षित और उनकी आयु के हिसाब से बनाने के लिए दस साल से काम कर रही है। राज्यों की शिकायत में हमारे काम को गलत तरीके से पेश किया गया है। अमेरिका में 1998 में बने ऑनलाइन प्राइवेसी प्रोटेक्शन एक्ट में कंपनियों को 13 साल से कम आयु के बच्चों के नाम, ई मेल आईडी या सेल्फी जैसी निजी जानकारी जुटाने से पहले पैरेंट की अनुमति लेने का प्रावधान है। कानून तोड़ने पर हर मामले में 50 हजार डॉलर से अधिक जुर्माना लगाया जा सकता है।