लुधियाना : प्रदूषण के स्तर में दिन प्रतिदिन हो रही बढ़ौतरी को लेकर मानयोग सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सख्त नाराजगी जताई गई। जिसके चलते कोर्ट की तरफ से पंजाब, हरियाणा व अन्य राज्यों को पराली जलाने पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के लिए आदेश दिए हैं। कोर्ट के आदेशों को लेकर राज्य स्तर पर इस पर तुरंत प्रभाव से रोक लगाने को लेकर उच्च स्तरीय मीटिंग को लेकर नीति बनाई गई है। कोर्ट के आदेशों के अनुसार जिस भी थाना प्रभारी के इलाके में पराली जलाने का मामला सामने आएगा उसकी जिम्मेवारी उसी थाना प्रभारी की होगी।
इस संबंध में पंजाब के डीजीपी की तरफ से सभी पुलिस स्टेशनों में तैनात थाना प्रभारियों को भी आदेश दे दिए गए है। आदेशों के अनुसार थाना प्रभारियों की जिम्मेवारी तय होने के साथ साथ राज्य के डीजीपी व चीफ सेक्रेटरी भी इसके लिए जिम्मेवार होगें। इसके चलते ही डिस्ट्रिक मैजिस्ट्रेट, पुलिस कमिश्नर व एस.एस.पी की तरफ से हर रोज शाम को 6.30 बजे रिव्यू मीटिंग की जाएगी, क्योंकि पराली जलाने को लेकर सैटेलाइट डॉटा की रिपोर्ट शाम को करीब 4.30 बजे जारी की जाती है। सैटेलाइट डाटा से पराली जलाने के स्थानों के बारे में पता चलेगा। उसके बाद मीटिंग में गांव की स्थिति के अनुसार थाना प्रभारी इसका रिव्यू करेगें और कार्रवाई करेगें। अगर रिव्यू मीटिंग के दौरान पता चला कि किसी थाना प्रभारी के इलाके में पराली जलाने का मामला सामने आया है तो उसके खिलाफ पुलिस विभाग की तरफ से अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
मानयोग कोर्ट के आदेशों के बाद सभी जिलों में पुलिस कमिशनरों की तरफ से मीटिंग कर थाना प्रभारियों को आदेश जारी किए गए। उसके बाद थाना प्रभारियों की तरफ से अपने-अपने अधीन आते गांवों के सरपंचों व किसानों के साथ मीटिंग कर उन्हें पराली न जलाने के आदेश दिए हैं। इसके लिए पुलिस की तरफ से अलग अलग टीमें गठित कर चैकिंग करने के आदेश दिए गए हैं।