पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा भगवंत मान सरकार की उद्योग हितैषी व भ्रष्टाचार मुक्त नीतियों का खुला उल्लंघन सामने आया है। शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों द्वारा सरकारी स्कूलों की पाठ्य पुस्तकों की छपाई का कार्य पंजाब के प्रिंटर्स को कम देकर अन्य राज्यों के प्रिंटर्स को प्रोत्साहित किया जा रहा है और इस कार्य में कथित रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे हैं। राज्य के प्रिंटर्स का मानना है कि चालू वित्तीय वर्ष के दौरान पाठ्य पुस्तकों की छपाई का अधिकतर काम यू.पी., हरियाणा व अन्य राज्यों के प्रिंटर्स के हवाले कर दिया गया जबकि राज्य के प्रिंटर्स ने शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों के सामने अपना पक्ष रखते हुए यह कार्य राज्य के प्रिंटर्स को देने की बात कही थी।
पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों पर यह आरोप भी लगा है कि पहले तो वह काम जानबूझ कर देरी से शुरू करते हैं और फिर समय पर किताबें उपलब्ध करवाने के बहाने सभी नियमों का उल्लंघन करते हुए दूसरे राज्यों के प्रिंटर्स के हवाले काम कर दिया जाता है और इसमें शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं।
पंजाब के प्रिंटर्स का यह कहना भी है कि रील फैड मशीन की छपाई हेतु फिक्स साइज 578 एम.एम. है जबकि इससे कम एम.एम. की मशीनों पर काम आबंटित कर दिया जाता है, जिससे लाखों रुपए का कागज उन प्रिंटिंग प्रैसों को जिनके पास छोटे कट की मशीनें हैं, उनको अतिरिक्त पेपर जारी हो जाता है जिससे सरकार को लाखों रुपए का नुकसान होता है।
इस संबंध में बोर्ड को लिखित शिकायत और एफिडेविट भी दिया गया है। इस संबंधित मामले की सारी जानकारी शिक्षा मंत्री, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, शिक्षा बोर्ड के चेयरपर्सन व सचिव व अन्य संबंधित अधिकारियों के ध्यान में लाई गई है। राज्य के प्रिंटर्स ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से इस सारे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच करवाने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग भी की है। घरेलू प्रिंटर्स ने अधिकारियों के खिलाफ शिकायत विजिलेंस ब्यूरो को भी दी है।