तपोवन: जिला बिलासपुर के झंडूता विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक जीतराम कटवाल ने सदन में पर्यटन के विकास पर नियम 130 के तहत हुई चर्चा में भाग लेकर अपना विजन रखा। उन्होंने कहा कि झंडूता 3 तरफ से गोबिंद सागर झील से घिरा है। 98 किलोमीटर लंबी झील में कई पर्यटन गतिविधियां हो सकती हैं। सूबे में पर्यटन नीति में आवश्यक बदलाव जरूरी हैं। सरकार को पहल कर पर्यटन में लोगों की सहभागिता भी सुनिश्चित करनी होगी।
हिमाचल की पहचान फल राज्य की
जीतराम कटवाल ने कहा कि हिमाचल की पहचान फल राज्य की है। हर क्षेत्र में कोई न कोई खूबी है। इन खूबियों की मदद से पूरे प्रदेश को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। केरल में बैक वाटर देखने को लाखों पर्यटक जाते हैं। झंडूता में गोबिंद सागर झील में हाऊस बोट व शिकारे भी चलाए जा सकते हैं। क्षेत्र में बाबा बालक नाथ मंदिर और झील के दूसरी ओर प्रसिद्ध शक्तिपीठ नयनादेवी मन्दिर स्थित है। कीरतपुर-नेरचौक फोरलेन बनने से दूरियां काफी सिमट गई हैं। बागछाल पुल तैयार हो चुका है। इससे झंडूता से कीरतपुर की दूरी केवल 20 किलोमीटर रह गई है। कांगड़ा व हमीरपुर की दूरी 42 किलोमीटर कम हुई है। इन खूबियों के चलते इस क्षेत्र को निचले हिमाचल का कुल्लू-मनाली बनाने के साथ ही गोल्डन गेट ऑफ हिमाचल बनाया जा सकता है।
प्रदेश में नई व कारगर पर्यटन नीति बने
जीतराम कटवाल ने कहा कि सरकार दूसरे राज्यों की पर्यटन नीति की नकल करने या बनी-बनाई नीति थोपने की बजाय प्रदेश की भौगोलिक व अन्य परिस्थितियों के लिहाज से कारगर पर्यटन नीति बनाए। इससे बेरोजगारी की समस्या भी काफी हद तक दूर होगी।