कर्नाटक में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राम जन्मभूमि आंदोलन से जुड़े 31 वर्ष पुराने मामले में हाल में एक हिंदू कार्यकर्ता की गिरफ्तारी को लेकर राज्य के कई हिस्सों में अपना विरोध प्रदर्शन तेज करते हुए बृहस्पतिवार को ‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ अभियान शुरू किया।
बेंगलुरु में अभियान का नेतृत्व करते हुए, विधायक एवं पूर्व मंत्री वी. सुनील कुमार ने भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा ‘‘जय श्री राम” के नारों के बीच सदाशिवनगर पुलिस थाने के निकट धरना दिया। कुमार एक तख्ती पकड़े हुए थे जिस पर ‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो’ लिखा था। कुमार ने कहा कि उन्होंने भी 1992 में राम मंदिर आंदोलन में हिस्सा लिया था, जिसके लिए उन्हें भी गिरफ्तार किया जाना चाहिए। बाद में पुलिस ने उन्हें एहतियातन हिरासत में ले लिया।
भाजपा के वरिष्ठ नेताओं के. एस. ईश्वरप्पा और सी. टी. रवि ने क्रमशः शिवमोगा और चिक्कमगलुरु के जिला मुख्यालय शहर में प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उत्तरी कर्नाटक के हुबली शहर में पिछले सप्ताह एक कारसेवक श्रीकांत पुजारी को दिसंबर 1992 में दर्ज दंगे के एक मामले के सिलसिले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर हिंदुओं के प्रति कड़ा रवैया अपनाने और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण में शामिल होने का आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने पुजारी पर असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है।
सिद्धरमैया ने कहा कि पुजारी पर शराब की अवैध बिक्री, जुआ समेत 16 असामाजिक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। कुमार ने पत्रकारों से कहा कि कांग्रेस सरकार की ‘‘राम विरोधी और हिंदू विरोधी नीतियों” की निंदा करने के लिए ‘‘मैं भी कारसेवक हूं, मुझे भी गिरफ्तार करो” अभियान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि तत्कालीन सरकार की धमकियों के बावजूद कर्नाटक के हजारों लोगों ने 1990 और 1992 में अयोध्या में ‘‘कार सेवा” में हिस्सा लिया था।
उन्होंने आरोप लगाया कि कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस कारसेवकों और राम भक्तों को डराने-धमकाने की रणनीति पर उतर आई है। गिरफ्तारी को लेकर सिद्धरमैया सरकार की निंदा करते हुए कुमार ने कहा कि हिंदू कार्यकर्ता को एक ‘अपराधी’ के रूप में चित्रित किया जा रहा है, लेकिन मेंगलुरु कुकर बम मामले में आरोपी को निर्दोष बताया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि ‘‘कांग्रेस के नेता के. जे. हल्ली और डी. जे. हल्ली दंगा मामलों के आरोपियों को रिहा करने के लिए सरकार को पत्र लिख रहे हैं।”