इजराइल के लिए जासूसी के शक में गोलियों से भून डाले 2 शरणार्थी, शवों को मारी लातें व दीवार पर पटके

इंटरनेशनल डेस्कः इजराइल- फिलीस्तीन युद्धविराम समझौते के बीच हमास की बर्बरता का एक मामला सामने आया है। हमास आतंकियों ने शनिवार को इजराइल के लिए जासूसी करने के आरोप में शरणार्थी शिविर में रह रहे दो लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद भीड़ ने खून से लथपथ उनके शवों को लात मारी और उन्हें घसीटते हुए बिजली के खंभे पर लटकाने की कोशिश की। टाइम्स ऑफ इस्राइल के अनुसार, तुलकेरेम शरणार्थी शिविर में मारे गए लोगों की पहचान हम्जा मुबारक (31) व आजम जुआना (29) के रूप में हुई। उन पर इजराइल को सूचनाएं उपलब्ध कराने का आरोप था।

इस बीच हमास ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि वह संघर्ष विराम को सोमवार से भी आगे जारी रखना चाहता है और इसके लिए बंधकों की रिहाई के बारे में गंभीर प्रयास करेगा। लोगों ने क्षत-विक्षत शवों को बिजली के खंभे से लटकाने का प्रयास किया। ऐसा नहीं कर पाने पर दोनों के शवों को यूएन के स्कूल की दीवारों पर फेंक दिया। रविवार को इजराइली PM बेंजामिन नेतन्याहू गाजा में सैनिकों के बीच पहुंचे और उनका हालचाल जाना। नेतन्याहू ने अपने सैनिकों की खूब हौसलाफजाई की। संघर्ष विराम समझौते के तहत हमास बंधकों के तीसरे जत्थे को रविवार को रिहा कर दिया।

मुक्त किए गए बंधकों में 14 इजराइलियों सहित 17 लोग शामिल हैं। कुछ बंधकों को इस्राइल को सौंप दिया गया, जबकि अन्य मित्र के रास्ते भेजे गए। समझौते के अंतिम दिन सोमवार को चौथे जत्थे को मुक्त करने की उम्मीद है। समझौते के तहत कुल 50 बंधकों और 150 फिलीस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना है। हमास ने दूसरे दौर की रिहाई के क्रम में शनिवार देर रात 13 इजराइली व 4 थाई नागरिकों को छोड़ दिया तो इजराइल ने भी 39 फिलीस्तीनियों को रिहा कर दिया। उधर 4 वर्षीय अमेरिकी बच्ची भी रविवार को हमास की कैद से रिहा हो गई। राष्ट्रपति बाइडेन ने खुद इसकी जानकारी दी।

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