जेल में की पढ़ाईः 11 साल बाद बाहर निकला तो बन गया शायर, अब जेल में हुआ किताब का विमोचन

गाजियाबाद: कहते हैं ना प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं होती, विषम परिस्थितयों में भी इसे निखारा जा सकता है। एसा ही एक मामला प्रदेश के गाजियाबाद से सामने आया है जहां एक युवक हत्या के मामले में जिले की डासना जेल में पिछले 11 साल से बंद है। जो अब शायर बन चुका है।

जेल के कार्यक्रम में सुनाई कविता, अधिकारी और कैदी हुए फैन
शकील अमरुद्दीन 2011 में गाजियाबाद के थाना लोनी से हत्या के मामले में जेल गया था। शकील 11 साल जेल में बंद रहा। 2022 में जमानत पर बाहर निकला। जब जेल गया था तो अनपढ़ था। जेल अधिकारियों ने इग्नू से डिप्लोमा करवाया। जेल के कार्यक्रम में कविता सुनाई तो अधिकारी और कैदी फैन हो गए। प्रोत्साहन मिला तो किताब लिख दी। बुधवार को जेल में आकर किताब का विमोचन करवाया।

जेल अधिकारियों ने इग्नू से करवाया  डिप्लोमा
शायर शकील अमरुद्दीन ने बताया कि 2011 में वह हत्या के मामले में डासना जेल में बंद हुआ था। शकील के मुताबिक 3 साल वह बेहद परेशान रहा। वह अनपढ़ था। यह बात जानते हुए जेल अधिकारियों ने इग्नू से उसे डिप्लोमा करवाया। उसका शौक शायरी और कविता की तरफ आया तो छोटी-मोटी कविता लिखने लगा।

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